
सामाजिक सोच है कि अंतिम संस्कार का हक़ सिर्फ बेटे को ही है, लेकिन आपको बता दें कि अनिल कुमार गुप्ता जी काफ़ी बीमारी से पीड़ित होने के कारण अंततः देव लोक प्रस्थान कर गए साथ ही अपने पीछे पत्नी वो दोनों बेटी सारिका वह आदिती छोड़ गए
गुप्ता जी की दोनों बेटियां सारिका एवं अदिती ने पिता की शव यात्रा भर में
शामिल ही नहीं हुई बल्की अपने पिता का अंतिम संस्कार (अग्नी संस्कार) कर बेटा न होने की कमी को पूरा किया