
कानपुर: DM के औचक निरीक्षण में बड़ा फर्जीवाड़ा, डॉक्टर ने बिना देखे 25 मरीजों का इलाज कर दिया
कानपुर: जिलाधिकारी #IAS जितेंद्र प्रताप सिंह ने रविवार को बिरहाना रोड अर्बन PHC सेंटर का औचक निरीक्षण किया, जिसमें स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का बड़ा खुलासा हुआ। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि डॉ. दीप्ति गुप्ता ने 25 मरीजों को बिना देखे ही सरकारी रजिस्टर में उनका इलाज “सफलतापूर्वक” दर्ज कर दिया था।
DM ने किया मरीजों से खुद संपर्क, निकला बड़ा घोटाला
निरीक्षण के दौरान जब DM जितेंद्र प्रताप सिंह ने मरीजों से फोन पर बात कर उनका हालचाल जाना, तो हैरान करने वाली सच्चाई सामने आई।
जब एक मरीज से पूछा गया, “इलाज कैसा चल रहा है? क्या सरकारी दवाएं मिल रही हैं?”तो मरीज ने जवाब दिया, “साहब, हम तो बीमार ही नहीं हैं, हॉस्पिटल क्यों जाएंगे?”
इसके बाद DM ने एक-एक कर कई मरीजों से फोन पर बात की, जिससे पता चला कि सभी मरीज पूरी तरह स्वस्थ हैं और अपने घरों पर हैं। उनका इलाज सिर्फ सरकारी कागजों में दिखाया गया था, जबकि असल में कोई इलाज हुआ ही नहीं था।
जिलाधिकारी ने दोषी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश
इस खुलासे के बाद DM जितेंद्र प्रताप सिंह ने मौके से ही स्वास्थ्य विभाग की फर्जी रिपोर्टिंग पर कार्यवाही करने के लिए शासन को पत्र भेज दिया। दोषी डॉ. दीप्ति गुप्ता और अन्य मेडिकल अधिकारियों पर जल्द ही कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
स्वास्थ्य विभाग पर उठे सवाल
यह मामला सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर लापरवाही को उजागर करता है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर DM खुद औचक निरीक्षण नहीं करते, तो यह फर्जीवाड़ा कब तक चलता रहता?
अब देखना यह होगा कि स्वास्थ्य विभाग इस घोटाले पर क्या कदम उठाता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।