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एमपी के इस जिले में 184 स्कूलों की मान्यता रद्द, हो सकती है तगड़ी कार्रवाई !
Mp news: मान्यता प्रभारी ने बताया कि सतना में 144 व मैहर की 40 स्कूलों को मान्यता जारी कर दी गई।
Mp news: एमपी के सतना जिले में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए सतना-मैहर जिले की 184 स्कूलों ने मान्यता नवीनीकरण नहीं कराया है। ऐसे में संबंधित निजी स्कूलों की मान्यता रद्द हो गई है। दोनों जिलों के 621 विद्यालयों के दस्तावेजों का परीक्षण डीपीसी-बीआरसी स्तर पर चल रहा है। उनको आगामी दिनों में मान्यता दी जाएगी।
सतना जिले में 27 स्कूलें ऐसी भी हैं, जिन्होंने संतोषजनक दस्तावेज नहीं जमा किए हैं। जांच उपरांत मान्यता निरस्तगी की कार्रवाई उन पर भी हो सकती है।
तीन बार मिल चुका अवसर
एपीसी दिवाकर सिंह ने बताया कि 18 जनवरी से 25 फरवरी के बीच तीन बार राज्य शिक्षा केंद्र ने मान्यता व नवीनीकरण का अवसर दिया है। सतना में 700, मैहर में 249 अशासकीय स्कूल संचालित हैं, पर सतना में 600 व मैहर में 211 स्कूलों ने नवीनीकरण का आवेदन किया। जबकि सतना में 136 व मैहर की 48 स्कूलों ने नवीनीकरण नहीं कराया।
144 विद्यालयों को मान्यता जारी
मान्यता प्रभारी ने बताया कि सतना में 144 व मैहर की 40 स्कूलों को मान्यता जारी कर दी गई। शेष बचे प्रकरणों की जांच चल रही है। जिन स्कूलों की मान्यता रद्द हो गई, वहां के बच्चे नजदीकी स्कूल में शिफ्ट कर दिए जाएंगे।
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मैहर में 48 स्कूलों ने नहीं कराया नवीनीकरण
नवीन जिला मैहर की 48 स्कूलों ने नवीनीकरण नहीं कराया है। ऐसे में राज्य शिक्षा केंद्र ने मान्यता समाप्त कर दी है।
इसमें मैहर विकासखंड की 17, अमरपाटन विकासखंड की 16 और रामनगर विकासखंड की 15 स्कूलों की मान्यता रद्द हो गई है। संबंधित कक्षा 1 से लेकर 8वीं के प्राइवेट विद्यालयों ने शासन द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि 25 फरवरी तक आवेदन नहीं किया है।
सतना में 136 स्कूलों की मान्यता समाप्त
जिला शिक्षा केंद्र के अनुसार 31 मार्च 2025 को सतना जिले के 5 विकासखंडों के 136 स्कूलों की मान्यता समाप्त हो रही है। इसमें मझगवां विकासखंड की 29, नागौद की 19, रामपुर बाघेलान की 16, सोहावल की 57 और उचेहरा की 15 स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण न कराने के कारण स्वत: रद्द हो जाएगी।
ये थे नवीनीकरण के दस्तावेज
-स्वयं की समिति अथवा विद्यालय का भवन न होने पर की स्थिति में रजिस्टर्ड किरायानामा।
-20 से 40 हजार रुपए की एफडी समिति के सचिव व डीपीसी के नाम से।
-समिति का जीवित पंजीयन
-आरटीई के समस्त नियम का पालन अनिवार्य।
-छात्र संख्या के हिसाब से भवन व शिक्षक।
-प्राइमरी में 35 बच्चों के बीच एक टीचर।
-खेल मैदान, लैब, पार्किंग समेत समस्त संसाधन
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