
एक तरफ शहडोल जिला प्रशासन ने भूमाफियाओं के ऊपर लगातार कार्यवाही कर आदिवासियों व अन्य जनमानस को राहत देने का काम किया है तो वहीं दूसरी ओर सोहागपुर के चर्चित भू माफिया टूटू की तिकड़ी अभी भी आदिवासियों का शोषण करने से बाज नहीं आ रही।
क्या है मामला?
बेलहा वीरान स्थित आराजी नंबर 107,108 और 118/1/1 का उक्त भू माफियाओं द्वारा लगभग 5 साल पूर्व एग्रीमेंट करवा कर अपने पास रख लिया साथ ही भू स्वामियों के अनपढ़ होने का जम कर फायदा उठाया गया। एग्रीमेंट में 50 हजार की राशि को कई गुना बढ़ा चढ़ा कर लिखवा कर भू स्वामियों से हस्ताक्षर करवा लिया गया। लगभग पांच साल बीत जाने के बाद भी उपरोक्त आराजी का न तो विक्रय किया गया न ही सही प्रतिफल भू स्वामियों को चुकता किया गया।
क्या कहता है एग्रीमेंट का नियम?
बिक्री के लिए समझौता तीन साल के लिए मान्य है। यदि समझौते में कोई नकारात्मक खंड है, जैसे, खरीदार को संपत्ति को तीन महीने के भीतर पंजीकृत करना होगा, फिर सीमा को इस अवधि तक बढ़ाया जाता है।
इनका कहना है
मैं पढ़ा लिखा नहीं हूं मेरे से दस्तखत करवा लिए हैं और कितना पैसा लिखाया है मुझे नहीं पता मेरे को बस नाम मात्र के पैसे दिए हैं और पांच साल से लटका कर रखे हैं।
राजपत (भू स्वामी)
इस मामले का आपके द्वारा पता चल रहा है भू स्वामियों से शिकायत दर्ज करवाई जाय मै इसमें कड़ी कानूनी कार्यवाही करूंगा आदिवासियों का शोषण करने वालों को नहीं बक्शा जाएगा।
भूपेंद्रमणि पाण्डेय (थाना प्रभारी सोहागपुर)