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होलिका दहन कार्यकर्म बड़ी ही श्रद्धा पूर्वक हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया

लोकेशन कालावाली
रिपोर्टर इंद्रजीत
होलिका दहन कार्यकर्म बड़ी ही श्रद्धा पूर्वक हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया 13 मार्च रात 8 बजे हुडा आर वन माडल टाउन पोस्ट ऑफिस रोड पर मनाया गया काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे मान्यता है कि जो प्रलाहद्द भक्त को होलिका दहन होते समय बाहर निकालता है उसकी कोई भी मनोकामना पूरी होती है पूजन प.राजेश शर्मा जी गीता भवन वाले द्वारा किया गया जिसमें पूजन में मनी अरोड़ा व लकिन्द्र सिंगला जी के हाथ से करवाया गया पूजन सही 8 बजे शुरू शुरू करके होलिका दहन कार्यक्रम किया गया , होलिका दहन कमेटी के सचिव गोविंद शर्मा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि पूजन हुडा रेजिडेंस वेलफेयर एसोसिएशन प्रधान नरेश माहेश्वरी पत्रकार मुख्य अतिथि थे और दहन के समय सूरजभान दक्ष ,इंद्रजीत पत्रकार,प्रताप सिंह ,भवानी शंकर शर्मा,लोकेश शर्मा,महिपाल सिंह इंस्पेक्टर ,गोपाल शर्मा ,मदन शर्मा, पीयूष शर्मा सभी उपस्थित थे।
होलिका दहन से जुड़ी कथा:
हिरण्यकश्यप नाम का एक राक्षस राजा था.
हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था.
हिरण्यकश्यप को भगवान विष्णु से नफ़रत थी.
हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने की कई कोशिशें कीं.
हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका की मदद से प्रह्लाद को मारने की योजना बनाई.
होलिका को वरदान था कि वह आग में नहीं जलेगी.
हिरण्यकश्यप ने होलिका से कहा कि तुम प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाओ.
होलिका ने प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठ गई.
प्रह्लाद भगवान विष्णु का नाम जाप कर रहा था.
भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गया और होलिका जल गई.

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