
जिलाधिकारी श्रीमती जे0रीभा के निर्देश पर एसडीएम अतर्रा ने नवसृजित बदौसा ब्लॉक के लिए भूमि भवन चयन को लेकर तहसील सभागार में बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री शिकायती पोर्टल पर लगाई गई आख्या पर बदौसा ब्लॉक बनाओ संघर्ष समिति ने सवाल उठाए, और एसडीएम और तहसीलदार को घेरा। समिति पदाधिकारियों व अफसरों में नोकझोंक भी हुई।
एसडीएम अतर्रा राहुल द्विवेदी की बुलाई बैठक में बदौसा ब्लॉक बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक सन्तोष कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल में दर्ज संदर्भ के निस्तारण में बदौसा में पर्याप्त सरकारी जमीन नहीं होने की बात लिखी गई है। जबकि बदौसा में पुरानी तहसील की सरकारी जमीन मौजूद है। एक पीढ़ी के संघर्ष के बाद बदौसा ग्राम पंचायत को ब्लॉक का दर्जा मिला है। बदौसा में सरकारी जमीन है तो दूसरी पंचायत में ब्लॉक भूमि भवन का प्रस्ताव क्यों दिया गया। अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष अमरसिंह राठौर में कहा कि जब बदौसा ब्लॉक घोषित हुआ है तो भूमि भवन बदौसा, बरछा-ब, दुबरिया में कही भी बनाना उचित होगा। इधर-उधर का प्रस्ताव देना जनता के अधिकारों का हनन है। बैठक में कई बार नोकझोंक भी हुई। अधिकारियों ने गलती भी मानी। एसडीएम ने आश्वान दिया कि जल्द स्थलीय निरीक्षण करके बदौसा में ब्लॉक मुख्यालय के भूमि भवन को चिन्हित किया जाएगा। इस दौरान प्रमोद कुमार खंड विकास अधिकारी नरैनी, सुशील कुमार द्विवेदी एडीओ पंचायत नरैनी, सतीश कुमार वर्मा तहसीलदार अतर्रा, शिवम मौर्य नायब तहसीलदार अतर्रा, राजीव कुमार यादव नायब तहसीलदार बिसंडा, ब्लॉक बनाओ संघर्ष समिति उपाध्यक्ष रामजस निषाद, अध्यक्ष श्यामाचरण बाजपेई, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल बदौसा के शिव प्रसाद उर्फ शिवा, इरफान अली, अजय जैन, दयानन्द गुप्ता आदि मौजूद
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