
🌹 जांजगीर-चांपा जिला संवाददाता सुखदेव आजाद 🌹
कुल्लू-मनाली की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक त्यौहारों और मेलों का आनंद लेगी
न्यूज़ जांजगीर-चांपा । पश्चिमी हिमालय की विश्व-प्रसिद्ध घाटियों में कुल्लू-मनाली का नाम सबसे पहले लिया जाता हैं । 20 वीं सदी के मध्य में इस घाटी की प्रशंसा देश के प्रधानमंत्री रहे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जो कुछ कहा वह इतना भरोसेमंद होकर फैला कि देखते-ही-देखते कुल्लू-मनाली घाटी दुनिया भर के सैलानियों से उस समय भर गई । कोसा, कांसा एवं कंचन की नगरी चांपा की रहने वाली जुड़वा बहनें दिव्या और नव्या केसरवानी अपनी श्रीमति दिशा-पंकज केसरवानी ( मम्मी-पापा ) के साथ इन दिनों कुल्लू-मनाली की यात्रा पर हैं । कुल्लू और मनाली हिमाचल प्रदेश का खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं,जो कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता और रोमांचक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध हैं
धरती पर स्वर्ग स्थल हैं कुल्लू-मनाली
साहित्यकार शशिभूषण सोनी ने बताया कि कुल्लू घाटी में वह सब-कुछ हैं जो कि हिमाचल प्रदेश की पहचान हैं । जैसे बर्फ से ढकी हुई ऊंची-ऊंची चोटियां,शांत झीलें, हरे-भरे मैदान सदाबहार देवदार के लहलहाते वृक्ष, पर्वतों की ढलानों पर खिलौने जैसा सुंदर-सा घर, हंस-मुख इंसान और सीढ़ीदार खेत ये सब पर्यटकों को अपनी प्राकृतिक सुंदरता दिखाकर खीच लेता हैं । दिव्या और नव्या केसरवानी की कुल्लू-मनाली की सांस्कृतिक विरासत का अनुभव करेगी और वहां पर यात्रा के दौरान पारंपरिक त्यौहारों और मेला भी भ्रमण करेगी
रोमांचक गतिविधिया यहां देखने को मिलेगी
कुल्लू घाटी में सब-कुछ हैं,जो कि हिमालय की पहचान हैं । कुल्लू नगर अपने विश्व प्रसिद्ध दशहरा पर्व के लिए भी चर्चा का विष्य हैं। इस अंनुठे पर्व के दौरान घाटी के कई हिस्सों में रोमांचिक गतिविधियां देखी जाती हैं। इसके अलावा यहां पर अनेक गतिविधियों के कई विकल्प देखे जाते हैं । जैसें कि स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग और ट्रेकिंग भी यहां पर हैं
यहां की सांस्कृतिक विरासत बेहतरीन हैं
समुद्र तल से लगभग 760 मीटर से लेकर 3980 मीटर तक फैला हुआ कुल्लू घाटी का मुख्यालय कुल्लू शहर हैं जो कि व्यास नदी के किनारे पर स्थित हैं । कुल्लू अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध हैं, जिसमें पारंपरिक त्यौंहार , मेले और हस्त-शिल्प की विभिन्न वस्तुएं शामिल हैं।
सुश्री दिव्या और नव्या की यात्रा
प्रकृति प्रेमी तथा लेखक शशिभूषण सोनी ने बताया कि दिव्या और नव्या केसरवानी दोनों बिटिया बहुत प्यारी हैं। अक्सर दोनों जुड़वां बहनें अपनी नाना-नानी यानि कि स्टेशन रोड स्थित श्रीमति शांता-महेंद्र गुप्ता के यहां रहती हैं । श्रीमति शांता गुप्ता केसरवानी महिला समिति चांपा की अध्यक्ष के साथ विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक संस्थाओं से जुड़ी हुई हैं। विभिन्न कार्यक्रमों में सहभागिता के कारण अक्सर उनसे भेंट-मुलाकात होती रहती हैं । शांता गुप्ता बहन के साथ-साथ दिव्या और नव्या भांजी से अच्छे संबंध हैं। ईश्वर से यही प्रार्थना हैं कि मम्मी-पापा के साथ दोनों भांजियों की कुल्लू-मनाली यात्रा एक यादगार अनुभव होगी ,जो कि उनके लिए एक महत्वपूर्ण पल होगा।
प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेगी
कुल्लू से मात्र 13 किलोमीटर दूर मनाली मार्ग पर व्यास नदी के किनारे पर स्थित रायसन भी एक अच्छा सा पिकनिक स्पॉट हैं । यह स्थान सेब के बागों से भरा हुआ हैं। यहां पर हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा सेब के पेड़ों के बीच कैपिन साईड की शानदार व्यवस्था की हैं,जिसका अपना अलग आनंद हैं। दिव्या और नव्या भांजी कुल्लू-मनाली की इन्हीं प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेंगी और रोमांचक गतिविधियों में भी भाग लेंगी । कुल्लू-मनाली देशी विदेशी सैलानियों के लिए एक ऐसा प्राकृतिक स्थल हैं जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध हैं और गर्मियों के मौसम में प्रकृति प्रेमी यहां घूमने-फिरने आते हैं । यहां नदी-नाले तथा देवदार वृक्षों से आच्छादित रमणीय स्थल का आनंद लेने दिव्या और नव्या केसरवानी भांजी इस समय इस स्थल की यात्रा के लिए हैं हमारी ओर से बधाई एवं शुभकामनाएं । साहित्यकार तथा लेखक शशिभूषण सोनी की ओर से बहुत-बहुत बधाईयां । आपकी पारिवारिक यात्रा सुखद और यादगार हो ।
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