
प्रयागराज में ‘अपराध मुक्त यूपी’ की पोल खुली: तहसील परिसर में अधिवक्ता को सरेआम गोली मार दी गई, बदमाश बेखौफ फरार
✍️ रिपोर्ट: एलिक सिंह, वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश’ के दावे उस समय शर्मसार हो गए जब प्रयागराज के सोरांव थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े एक अधिवक्ता को गोली मार दी गई।
घटना स्थल कोई सुनसान इलाका नहीं, बल्कि न्याय के सबसे बड़े स्तंभ—तहसील परिसर के भीतर घटित हुई। सवाल उठ रहे हैं कि जब वकील ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा का दावा कितना खोखला है?
🔫 सरेआम गोलीकांड: अधिवक्ता पर जानलेवा हमला
जानकारी के अनुसार, अधिवक्ता मान सिंह यादव, जो कि सोरांव तहसील में प्रैक्टिस करते थे, को बेखौफ बदमाशों ने गोली मार दी।
हमले के बाद उन्हें गंभीर अवस्था में स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
📍 घटना स्थल बना रणक्षेत्र, पुलिस भी दंग
घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। सोरांव, करेली, गंगानगर और झूंसी थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई।
हालांकि हमलावर आराम से फरार हो गए। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
🧑⚖️ कानून के रक्षक बन गए अपराध के शिकार
तहसील परिसर जैसी जगह जहां कानून के रखवाले बैठते हैं, वहां एक वकील पर गोली चलना न केवल पुलिस व्यवस्था पर करारा तमाचा है, बल्कि सिस्टम की बर्बादी का प्रतीक भी है।
‘डबल इंजन की सरकार’ का दावा करने वाली भाजपा शासन में अगर अधिवक्ता असुरक्षित हैं, तो यह प्रदेश किस दिशा में जा रहा है?
📣 विपक्ष ने साधा निशाना: ‘योगी राज में जंगलराज’
विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार को घेरा है।
समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर कहा:
“योगी सरकार का दावा है कि अपराधी अब बिलों में छुपे हैं, लेकिन हकीकत ये है कि अब अधिवक्ताओं को तहसील में गोली मारी जा रही है। ये है उत्तर प्रदेश की ‘अपराध मुक्त’ हकीकत।”
📉 कानून व्यवस्था पर उठते गंभीर सवाल
अपराधी इतने बेखौफ हैं कि न्यायिक परिसर में ही हमला कर देते हैं।
दिनदहाड़े गोलीकांड यह बताता है कि प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट की ‘मॉडल’ व्यवस्था पूरी तरह फेल है।
गंगानगर जोन जहां यह घटना हुई, वह पूर्व में भी अपराधियों का गढ़ माना जाता रहा है।
⚖️ वकीलों में रोष, कोर्ट बहिष्कार की चेतावनी
अधिवक्ता संघ ने घटना की कड़ी निंदा की है और चेतावनी दी है कि अगर 24 घंटे में हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं होती, तो वे कामकाज ठप कर देंगे और जिला अदालत का बहिष्कार करेंगे।
🔍 पुलिस की लीपापोती जारी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि “जल्द खुलासा किया जाएगा”, लेकिन स्थानीय लोग और अधिवक्ता इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं।
लोगों का कहना है कि पुलिस मात्र खाना पूर्ति में जुटी है, जबकि अपराधी आज भी आज़ाद घूम रहे हैं।
🧨 निष्कर्ष: अपराधियों में कानून का खौफ नहीं
प्रयागराज की यह घटना दिखाती है कि उत्तर प्रदेश में अब अपराधी बेखौफ, और नागरिक असुरक्षित हो चुके हैं।
सरकार और प्रशासन को आत्ममंथन करने की जरूरत है—क्या ‘ठोंको नीति’ सिर्फ टीवी डिबेट तक सीमित रह गई है?
📰 वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
📍 रिपोर्टर – एलिक सिंह (संपादक एवं जिला प्रभारी, BJAC)
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