
पीलीभीत। पूरनपुर के ग्राम धर्मापुर स्थित प्राचीन धार्मिक स्थल श्री सतवईया बाबा मंदिर में शनिवार को रेलवे विभाग की अचानक कार्रवाई ने विवाद खड़ा कर दिया। रेलवे अधिकारियों और आरपीएफ टीम ने बिना किसी सूचना या नोटिस के बुलडोज़र चलवाकर मंदिर परिसर की यज्ञशाला, यात्री शेड, और हैडपंप को ध्वस्त कर दिया। इस कदम से स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों में भारी नाराजगी है। हर अमावस्या व पूर्णिमा को यहां विशाल मेला लगता है जिसमें दसों हजार श्रद्धालु शामिल होते हैं। श्रद्धालुओं के ठहराव और पूजा के लिए मंदिर परिसर में यज्ञशाला और अन्य सुविधाएं बनाई गई थीं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि रेलवे विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की कानूनी प्रक्रिया या सूचना के बिना यह कार्रवाई की गई। रेलवे की इस कार्रवाई की जानकारी मिलते ही भारतीय बजरंग दल के जिला उपाध्यक्ष प्रफुल्ल मिश्रा मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने ग्रामीणों को दोबारा यज्ञशाला निर्माण का आश्वासन दिया। सोमवार दोपहर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रेलमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा, जिसमें संबंधित अधिकारियों और आरपीएफ इंस्पेक्टर को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की गई। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि कार्यवाही नहीं हुई तो जिला स्तर पर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस बीच, विधायक बाबूराम पासवान ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए पीलीभीत के सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद, जिलाधिकारी पीलीभीत, और डीआरएम से फोन पर वार्ता की। अधिकारियों ने बिना अनुमति धार्मिक स्थल को गिराने पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
घटनास्थल पर बाबा राघव दास जी महाराज, महंत राममूर्ति (सतभैया बाबा मंदिर), बजरंग दल जिला अध्यक्ष संजय मिश्रा, भाजपा नगर अध्यक्ष हर्ष प्रधान, सूरज बाथम, हरिश्चंद्र शुक्ला, और कई स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कार्रवाई की निंदा की और धार्मिक स्थल के पुनर्निर्माण की मांग की।