
नागपूर ग्रामीण, प्रतिनिधी:सूर्यकांत तळखंडे
सावनेर,खापरखेड़ा/नागपुर: 18/05/2025
भारतीय शौर्य और पराक्रम के एक नए अध्याय, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की ऐतिहासिक और अविस्मरणीय सफलता ने आज पूरे देश में एक अद्भुत उत्साह और अटूट गर्व की लहर दौड़ा दी है। इसी राष्ट्रव्यापी भावना के ज्वार में सराबोर होकर, नागपुर जिले का शांत खापरखेड़ा शहर आज राष्ट्रभक्ति के एक ऐसे विराट और प्रेरणादायी उत्सव का केंद्र बन गया, जिसकी छटा आँखों में बस गई और जिसकी गूँज युगों तक सुनाई देगी। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं थी, बल्कि हर भारतीय के हृदय में धधकती देशप्रेम की अग्नि की प्रत्यक्ष, जीवंत, गौरवशाली और अविस्मरणीय अभिव्यक्ति थी, जिसने खापरखेड़ा को देशभक्ति के एक महातीर्थ में बदल दिया।
सुबह होते ही, खापरखेड़ा की आबोहवा में देशभक्ति का एक मादक सुगंध घुल गया था। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के विजय समाचार ने दिलों में मिश्री घोल दी थी, और इसी मिठास को साझा करने के लिए, शहर का हर बाशिंदा, हर राहगीर, हर परिवार अपने आंचल में तिरंगा समेटे घरों से निकल पड़ा। गली-कूचे, चौक-चौराहे, बाजार और मैदान – हर रास्ता एक ही दिशा की ओर जा रहा था: उस मुख्य स्थल की ओर जहाँ से यह ऐतिहासिक यात्रा शुरू होनी थी। देखते ही देखते, वह स्थल तिरंगाधारी मनुष्यों के एक विशाल, लहराते समुद्र में बदल गया था। छोटे-बड़े, स्त्री-पुरुष, बच्चे-बुजुर्ग – हर चेहरे पर एक ही भाव था: अपने देश और अपने वीर जवानों पर अटूट, अगाध और अटूट गर्व।
इस राष्ट्रोत्सव का नेतृत्व स्वयं राज्य के अत्यंत ऊर्जावान, लोकप्रिय और जनप्रिय मुख्यमंत्री मा. श्री. देवेंद्र फडणवीस ने किया, जिनकी गरिमामयी उपस्थिति ने इस आयोजन में दिव्यता भर दी। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल पर कदम रखते ही, पूरा परिसर ‘जय हिंद!’, ‘वंदे मातरम!’ और ‘वंदे राष्ट्रम!’ के गगनभेदी उद्घोषों से फट गया, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वीर सपूतों के सम्मान और देश की विजय के प्रति जनता के अगाध प्रेम को दर्शाता था। उनके साथ राज्य के कर्मठ राजस्व मंत्री मा. श्री. चंद्रशेखर बावनकुले, स्थानीय जनता से सीधे जुड़े युवा और लोकप्रिय विधायक श्री चरणसिंग ठाकुर और श्री आशीष देशमुख, अनुभवी नेता पूर्व विधायक श्री राजू पारवे, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉ. राजीव पोद्दार, जिलाध्यक्ष श्री मनोहर कुंभारे सहित पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी और स्थानीय जन प्रतिनिधि भी कंधे से कंधा मिलाकर इस राष्ट्रयज्ञ में आहूति दे रहे थे। उनकी सहभागिता ने आम नागरिकों के उत्साह को चरम पर पहुंचा दिया।
मुख्यमंत्री द्वारा राष्ट्रध्वज को सम्मानपूर्वक सलामी देकर हरी झंडी दिखाते ही, केसरिया, सफ़ेद और हरे रंगों से सजी यह विशाल यात्रा पूरे वेग, जोश और अद्भुत अनुशासन के साथ खापरखेड़ा की धमनियों में प्रवाहित होने लगी। हर हाथ में थमा तिरंगा, हवा के झोकों से अठखेलियाँ करता हुआ, मानों स्वयं विजय का शंखनाद कर रहा था। यात्रा मार्ग के दोनों ओर हजारों की संख्या में लोग खड़े थे, जो पुष्पवर्षा कर रहे थे और हर गुजरते तिरंगे को नमन कर रहे थे। ढोल-ताशों की थाप और देशभक्ति गीतों की गूंज ने पूरे माहौल को एक अछ्वुत ऊर्जा से भर दिया था।
यात्रा के दौरान हर पल राष्ट्रप्रेम की एक नई, प्रबल लहर उठ रही थी। ‘भारत माता की जय!’, ‘वंदे मातरम!’, ‘शूरवीरों का सम्मान!’, ‘ऑपरेशन सिंदूर-हमारा गौरव!’, ‘देश के दुश्मनों की खैर नहीं!’, ‘तिरंगा है हमारी शान!’ जैसे जोशीले और हृदयस्पर्शी नारे लगातार लग रहे थे। इन नारों में सिर्फ ध्वनि नहीं थी, बल्कि देश के लिए मर मिटने का जज्बा, अपने वीर सैनिकों पर अटूट विश्वास, और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता ने दिलाया गौरव साफ तौर पर महसूस हो रहा था। यह एक ऐसा भावुक क्षण था जब हर कोई अपनी व्यक्तिगत पहचान, जाति, धर्म, प्रांत और भाषा की सीमाओं को भूलकर खुद को केवल एक भारतीय के रूप में अनुभव कर रहा था। कई लोगों की आँखों में गर्व के आँसू थे, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और इस विजयोत्सव की भव्यता देखकर स्वतः ही छलक आए थे।
यह तिरंगा यात्रा केवल एक प्रतीकात्मक प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी राष्ट्रहित की महान और साहसिक कार्रवाई के प्रति आम जनता का एक शक्तिशाली, स्पष्ट और हृदयस्पर्शी प्रतिक्रिया थी। इसने पूरे विश्व को यह संदेश दिया कि जब बात देश की आती है, तो भारत का हर नागरिक जात, धर्म, प्रांत और भाषा की दीवारों को तोड़कर राष्ट्रध्वज के तले एक चट्टान की तरह एकजुट हो जाता है। खापरखेड़ा की यह यात्रा इसी राष्ट्रीय एकता और अदम्य साहस का एक जीवंत, बोलता हुआ और प्रेरणादायी प्रतीक बन गई।
यात्रा में शामिल एक युवा, जिसकी आँखों में भविष्य के सपने और देशप्रेम का जोश साफ झलक रहा था, ने उत्साह से कहा, “‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने जो कर दिखाया, उसने हम युवाओं को एक नया जोश, एक नया गौरव और देश के लिए कुछ कर गुजरने का एक नया लक्ष्य दिया है। आज इस तिरंगा सागर का हिस्सा बनकर जो बिजली और ऊर्जा महसूस हो रही है, उसे बयाँ से बाहर है।” एक बुजुर्ग, जिनके चेहरे पर जीवन का अनुभव और आँखों में देश के लिए प्रेम झलक रहा था, ने नम आँखों से कहा, “मेरा जीवन सफल हो गया! ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वीर सपूतों ने हमें यह दिन दिखाया। इस तिरंगे को इतने गौरव से लहराते देखकर आँखें भर आती हैं। यह केवल झंडा नहीं, हमारी आत्मा है, हमारा स्वाभिमान है, हमारी जान है।”
खापरखेड़ा की सड़कों पर आज जो राष्ट्रप्रेम का सैलाब उमड़ा, जो तिरंगे लहरों की तरह लहराए और जो जयघोष गगनभेदी गर्जना बनकर गूंजे, वे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता की गाथा को हमेशा के लिए भारतीय इतिहास में अमिट बना गए। यह भव्य तिरंगा यात्रा केवल एक आयोजन नहीं था, बल्कि खापरखेड़ा की जनता द्वारा पूरे देश को दिया गया एक शक्तिशाली, हृदयस्पर्शी और प्रेरणादायी संदेश था – कि हम सब एक हैं, हमें अपने देश पर गर्व है, और हम हर पल, हर स्थिति में अपने राष्ट्र के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं। खापरखेड़ा आज सही मायनों में राष्ट्रभक्ति के रंग में रंगकर अमर हो गया!