
बड़े अदब व एहतराम से सुजात खान की मेहंदी उठाई गई
झुकने ना देंगे हम तेरा झंडा उठाएंगे
लब्बैक या हुसैन का नारा लगाएंगे
जब भी कहीं उठेगी तेरी मेहंदी हुसैन
निकलेंगे घर से दौड़ के कंधा लगाएंगे
प्रयागराज माहे मोहर्रम की 4 तारीख को सुजातखान सराय शाहगंज की मेहंदी उठाई गई मोहम्मद एजाज(बबलू भाई)के सरपरस्ती में यह मेहंदी उठाई गई ऐतिहासिक मेहंदी अपने वक्त के हिसाब से उठा दी गई मेहंदी को बड़े ताजिया के तरह सजाया गया है या अली या हुसैन हुसैन इस्लाम जिंदाबाद के जोरदार नारे के साथ मेहंदी उठाई गई गश्त करती हुई सुजात खान की सराय सौदागर मस्जिद शाहगंज सब्जी मंडी लतीफ मार्केट गढी सराय नखासा कोहना शाहगंज थाना डफरिंन अस्पताल हुसैन के शैदाइयों ने मेहंदी को कंधे पर रखकर गश्त कराया पूरे रास्ते या अली या हुसैन के नारे लगाते रहे जो जमीन आसमान दोनों पर गूंज रहे थे पूरी रात मजमा जमा रहा हर तरफ लंगर हो रहा था मेहंदी परअकीदतमंद फूल च़ढा रहे थे बच्चों को बोसा कर रहे थे औरते मन्नते और दुआएं मांगी रही थी। सेवई मंडी कोतवाली बजाजा पट्टी सब्जी मंडी होते हुए अपने कदीमी इमाम बाड़े पर रखी गयी
मोहम्मद एजाज (बबलू भाई) पंडित दिगंबर त्रिपाठी जी अनीस GMS, एम ए अंसारी एडवोकेट,मुन्ना जी, ताज भाई, चांद हाजी जी, छोटे बाबू,रहूफ भाई,मोहम्मद आमिर , अकरम शगुन गुलाम नबी ,गुलाम जिलानी, अजीम, सीबू साहब, उस्मान, फिरोज, चौधरी,सैफ , अनस, मोहम्मद अर्सलान, अच्छे भाई, शोएब गुलाम , नियाजअहमद,मोहम्मद सरीक,, महबूब डाबर फैयाजअहमद (फैजी) उमर अली जफर डव्वा इरशाद उल्ला आदि हजारों अकीदतमंद मेहंदी में शामिल हुए।