
वंदेभारतलाइवटीव न्युज नागपुर, बुधवार 20/08/2025-:
=========///=======///==/====== हिन्दी माह भाद्रपद की अमावस्या तिथि इस बार शनिवार 23 अगस्त 2025 को पड़ रही है। धार्मिक मान्यतानुसार भाद्रपद मास की अमावस्या के दिन गंगा स्नान पिंडदान तर्पण दान धर्म आदि कर्म करने से हमारे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, और जीवन में सुख समृद्धि आती है। हिन्दी पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि बेहद शुभ मानी जाती है। इस दिन लोग बड़ी संख्या में गंगा नदी सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान करके पुण्य फल अर्जित करते हैं। इस दिन आशुतोष भगवान भोलेनाथ का अभिषेक भी करते हैं। सनातन प्राचीन परंपरा के अनुसार इस दिन तर्पण पिंडदान दान पुण्य का अत्यंत फलदायी होता है। भाद्रपद मास पितरों की कृपा आशिर्वाद पाने का एक विशेष अवसर भी होता है। इस दिन अपनी अपनी श्रद्धा सामर्थ्य के अनुसार विशेष पूजा पिंडदान श्राद्ध दान आदि करने से पितृदोष का निवारण भी होता है। जीवन में सुख शांति समृद्धि आती है। धार्मिक मान्यतानुसार इस दिन भक्तजन श्रद्धापूर्वक यदि स्त्रोत चालीसा का पाठ पूजन करते हैं तो पूर्वज प्रसन्न होकर अपने परिवार जनों पर आशिर्वाद बनाए रखते हैं। हिन्दू धर्म में भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। इसे कुश ग्रहणी या पिठोरा अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन माताएं अपनी संतान की दीर्घायु के लिए व्रत उपवास भी रखती हैं। इस दिन आंटे से चौंसठ योगिनियों की मूर्ति बनाकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है । वैदिक पंचांग अनुसार इस वर्ष भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि 22 अगस्त शुक्रवार को दिन के 11:55 मिनट पर शुरू हो रही हैऔर इसकी समाप्ति 23 अगस्त शनिवार को दिन के 11:35 मिनट पर होगी। इस हिसाब से भाद्रपद अमावस्या 23 अगस्त शनिवार 2025 को मनाई जायेगी। भाद्रपद अमावस्या को कुश ग्रहणी अमावस्या भी कहते हैं। मान्यतानुसार इस दिन एकत्र की गई कुश बहुत ही पवित्र और लाभदायक होती है। इस दिन सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्ध्य देना बहते हुए जल में काले तिल प्रवाहित करना अच्छा होता है। इस दिन पीपल के वृक्ष पर जल मिश्रित दूध अर्पित कर दीपक प्रज्वलित करना भी उत्तम होता है। इस दिन दीन हीन जरूरतमंद लोगों को अन्न का दान वस्त्र जूते चप्पल दक्षिणा आदि का दान करना शुभफलदायक होता है। भाद्रपद अमावस्या पर गौ दान का भी विशेष महत्व होता है। (नोट-: इस लेख में बतलाए गए कथन केवल सामान्य जानकारी के लिए है। पाठकगणों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य या दावा न समझे, अपने स्वविवेक के अनुसार कार्य करें। हम किसी भी प्रकार के अंधविश्वास के सदैव खिलाफ हैं। पाठकगण और अधिक जानकारी के लिए कृपया योग्य विद्वान से सलाह ले सकते हैं।)