
मण्डलेश्वर, 04 जुलाई | नगर परिषद सभागार में स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय वाहक जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मलेरिया एवं डेंगू नियंत्रण पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मनोज पाटीदार, मलेरिया निरीक्षक श्री रविंद्र पालनपुर, बीईई श्री केदारनाथ शुक्ला एवं अन्य स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित रहे।
डॉ. पाटीदार ने बताया कि मलेरिया और डेंगू जैसे बुखारों की रोकथाम में जनभागीदारी अत्यंत आवश्यक है। डेंगू निरोधक माह (जुलाई) के अंतर्गत चलाए जा रहे अभियान के तहत उन्होंने बताया कि समय पर जांच, उपचार और सावधानी बरत कर इन बीमारियों से बचा जा सकता है। मच्छरों की उत्पत्ति को रोकना सबसे जरूरी उपाय है।
मलेरिया निरीक्षक श्री रविंद्र पालनपुर ने बताया कि छतों पर रखी खुली टंकियाँ, टूटे बर्तन, बेकार टायर, गमले, सजावटी फव्वारे, फ्रिज की ट्रे, पशुओं के पानी पीने के हौदों में जमा पानी, एवं आसपास के खाली प्लाट में रुका पानी मच्छरों के पनपने के प्रमुख स्थान होते हैं। उन्होंने सप्ताह में एक बार पानी की टंकियों में जला हुआ तेल डालने की सलाह दी ताकि लार्वा नष्ट किया जा सके।
डॉ. पाटीदार ने बताया कि मादा एनाफिलीज मच्छर मलेरिया फैलाती है और इसे रोकने के लिए सोते समय मच्छरदानी का उपयोग, नीम का धुआँ तथा शरीर को ढकने वाले कपड़ों का उपयोग जरूरी है।
बीईई श्री केदारनाथ शुक्ला ने डेंगू के लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, आँखों के पीछे दर्द, त्वचा पर चकत्ते आदि इसके सामान्य लक्षण हैं। समय पर इलाज और साफ-सफाई ही बचाव का सर्वोत्तम उपाय है।