
नई दिल्ली।
देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और गांव-गांव तक इसकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने 15 फरवरी 2023 को एक नई योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत नाबार्ड, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) और राज्य सरकारों के सहयोग से डेयरी अवसंरचना विकास निधि (DIDF) की स्थापना की जा रही है।
योजना का उद्देश्य देशभर में 2 लाख बहुउद्देशीय पैक्स (M-PACS), डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों का गठन करना है। यह कार्य विभिन्न मौजूदा योजनाओं — जैसे कि राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) — के अभिसरण के माध्यम से किया जा रहा है।
राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस के अनुसार, योजना की शुरुआत से लेकर 30 जून 2025 तक कुल 22,606 नई सहकारी समितियों को देशभर में पंजीकृत किया गया है।
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 19 सितंबर 2024 को सहकारिता मंत्रालय ने एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी जारी की है, जिसमें लक्ष्य, समयसीमा और सभी भागीदार संस्थाओं की भूमिकाएं स्पष्ट की गई हैं।
आंध्र प्रदेश में इस योजना के तहत 4,188 पैक्स, 9,149 डेयरी समितियां और 200 मत्स्य सहकारी समितियों के गठन का लक्ष्य है। अब तक कृष्णा जिले में 5 सहित राज्य में कुल 891 डेयरी समितियां और 2 मत्स्य समितियां पंजीकृत हो चुकी हैं।
यह जानकारी सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी।