
भीलवाड़ा (राजस्थान):
भीलवाड़ा जिले के एक युवक ने स्थानीय पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कोर्ट से दोषमुक्त (Acquitted) होने के बावजूद पुलिस उसके चरित्र प्रमाण पत्र में झूठा “Pending Trial” दिखाकर उसका करियर बर्बाद कर रही है।
पीड़ित युवक सुरज कुमार खटीक ने बताया कि वर्ष 2022 में पारिवारिक विवाद के चलते उनके खिलाफ IPC की धारा 323, 341 में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जो बाद में आपसी समझौते (राजीनामा) के साथ समाप्त हुई और कोर्ट ने उन्हें 12/11/2022 को दोषमुक्त घोषित कर दिया।
“रिश्वत नहीं दी, इसलिए रिपोर्ट बिगाड़ी” सुरज का आरोप
सुरज का दावा है कि पुलिस विभाग के एक कर्मचारी जानकीलाल द्वारा रिश्वत की मांग की गई थी और धमकी दी गई थी कि यदि पैसे नहीं दिए गए, तो चरित्र प्रमाण पत्र में “Pending Trial” दिखाया जाएगा जिससे सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।
“मेरे छोटे भाई का वेरीफिकेशन बिना किसी आपत्ति के हो गया जबकि मेरी रिपोर्ट में झूठी जानकारी देकर मेरा भविष्य बर्बाद किया जा रहा है।” सुरज खटीक
SP को दिया गया शिकायत पत्र, अब बयान के लिए बुलाया गया।
सुरज ने 17 जुलाई 2025 को पुलिस अधीक्षक (SP) भीलवाड़ा को एक लिखित शिकायत देकर पुलिस रिकॉर्ड सही करने और दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है।इस शिकायत के बाद उन्हें थाना स्तर पर बयान देने के लिए बुलाया गया है, लेकिन पारिवारिक कारणों से वह उपस्थित नहीं हो पाए और उन्होंने लिखित बयान थाने को प्रेषित किया।
“न्याय की उम्मीद”
सुरज ने कहा कि वह सिर्फ इंसाफ चाहता है, और दोषमुक्त होने के बावजूद यदि उसका चरित्र प्रमाण पत्र गलत बना रहा तो यह सिर्फ उसके नहीं बल्कि हर उस युवा के साथ अन्याय है जो ईमानदारी से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा है।
युवाओं में आक्रोश, सवाल उठे पुलिस प्रक्रिया पर
इस प्रकरण के सामने आने के बाद कई युवाओं ने पुलिस के चरित्र प्रमाण पत्र प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि कोर्ट से बरी हुए व्यक्ति को भी दोषी मान लिया जाए तो यह न्यायपालिका का अपमान है।