
अजीत मिश्रा (खोजी)
🙉 बीएसए की मेहरबानी से 22 बर्षों से एक पटल पर जमे बाबू संतोष गुप्ता🙉
🙊पूर्व में भ्रष्टाचार मामले में निलंबित और जेल काट चुके है बाबू संतोष गुप्ता।
🙊 स्थानांतरण नीति का अनुपालन सुनिश्चित कराने के बजाएं बीएसए ने स्थानांतरण नीति को बनाया मजाक।
🙊विवादों से घिरे / भ्रष्टाचार में लिप्त / शासनादेश के खिलाफ एक ही पटल पर 22 वर्षों से तैनात बाबू का स्थानांतरण जिला प्रशासन के लिए बना चुनौती।।
बस्ती यूपी – प्रदेश सरकार भले ही भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश का ढिंढोरा पीटती है लेकिन प्रदेश में दिन – प्रतिदिन भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है और प्रदेश भ्रष्टाचार मुक्त होने के बजाएं भ्रष्टाचार युक्त हो रहा है ।
आपको बता दें कि बेसिक शिक्षा अधिकारी बस्ती कार्यालय में बर्ष 2003 में वरिष्ठ लिपिक / बाबू संतोष गुप्ता की नियुक्ति हुई थी । वर्ष 2003 से लेकर आज तक बेसिक शिक्षा अधिकारी बस्ती कार्यालय में एक ही पटल पर जमे हैं । सूत्रों की माने तो बाबू संतोष गुप्ता के पास महत्वपूर्ण विभाग है । महत्वपूर्ण विभाग होने के कारण पूर्व में कई बार भ्रष्टाचार का आरोप भी बाबू संतोष गुप्ता लग चुका है । भ्रष्टाचार मामले में बाबू संतोष गुप्ता निलंबित हो चुके हैं एवं जेल भी जा चुके हैं । 22 वर्षों में अनेक बेसिक शिक्षा अधिकारी आये और गये लेकिन बाबू संतोष गुप्ता के पटल को बदलने की हिम्मत नहीं जुटा पाएं क्योंकि बाबू संतोष गुप्ता बीएसए कार्यालय में कमाऊ पूत के रूप जाने जाते है और कोई भी अधिकारी / कर्मचारी अपना कमाऊ पूत नही खोना चाहता है । बेसिक शिक्षा अधिकारियों को यह पता था कि यदि बाबू संतोष गुप्ता का पटल बदल दिया जाए तो कोई अन्य कर्मचारी अवैध वसूली नही कर पायेगा इसीलिए स्थानांतरण नीति / शासनादेश को ताख पर रख कर 22 वर्षों से बाबू संतोष गुप्ता को एक ही पटल पर नियुक्ति किया गया है । स्थानांतरण नीति के लगातार एक ही कार्यालय / एक ही स्थान पर 03 वर्षों तक ही कार्यरत रह सकता है । लगातार 03 वर्षों से डियूटी के बाद एक कार्यालय / एक स्थान से दूसरे स्थान पर किसी अधिकारी / किसी कर्मचारी को नियुक्ति कर दिया जाता है । बेसिक शिक्षा अधिकारी अनूप कुमार तिवारी का सीधा मतलब है कि अपना काम बनता तो भाड़ में जाए जनता की नीति पर कार्य कर रहे हैं इसीलिए 22 वर्षों से लगातार जमें बाबू सन्तोष गुप्ता को हटाना मुनासिब नहीं समझते हैं । भ्रष्टाचार मामले में निलंबित एवं जेल जा चुके बाबू सन्तोष गुप्ता का 03 वर्षों के स्थान पर 22 वर्षों तक जमे रहने के बाद स्थानांतरण न होने पर योगी सरकार की किरकिरी हो रही है और भाजपा सरकार की साफ – सुथरी छवि धूमिल हो रही है । उक्त प्रकरण में जिलाधिकारी से फोन के माध्यम जानकारी लेना चाहा तो जिलाधिकारी का सीयूजी नंबर नेटवर्क क्षेत्र से बाहर निकाला ।