
अजीत मिश्रा (खोजी)
।। जमीनी विवाद में गैर जनपद स्थांतरित थाना अध्यक्ष चंदन कुमार की भूमिका पर संदेह।।
बस्ती/उत्तर प्रदेश-जिले के नगर थाना क्षेत्र के भरवलिया गांव में जमीनी विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। जिला मजिस्ट्रेट और थाना अध्यक्ष द्वारा जमीन के मामले में तेजी से आदेश जारी किए जा रहे हैं, जिससे विवाद और गहरा गया है। एक वसीयत को लेकर तहसील से लेकर बोर्ड ऑफ रेवेन्यू तक मुकदमा चल रहा है। इसके बावजूद, थाना अध्यक्ष ने एक पक्ष को धान रोपाई का आदेश दे दिया, जबकि दूसरा पक्ष इसे अन्याय बता रहा है।
थाना अध्यक्ष ने कथित तौर पर दूसरे पक्ष को हस्तक्षेप करने पर जेल भेजने की चेतावनी दी है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ऐसे पुलिस आदेश जमीनी विवाद को और भड़काने का काम कर सकते हैं। सवाल उठ रहा है कि जब वसीयत निरस्ती का मामला कोर्ट में विचाराधीन है, तो थाना अध्यक्ष ने एकतरफा आदेश क्यों जारी किया? क्या यह कदम विवाद को और बढ़ाने की साजिश है?
💫जिला मजिस्ट्रेट हुए थाना अध्यक्ष दे रहे जमीन के मामले में ताबड़तोड़ आदेश।
वसीयत के विवाद में तहसील से लेकर बोर्ड ऑफ रेवेन्यू तक चल रहा है मुकदमा। वसीयत मनसूखी का मुकदमा होने के बावजूद एक पक्ष को दे दिया धान रोपाई करने का आदेश। दूसरे पक्ष को मामले में हस्तक्षेप करने पर जेल भेजने की दे डाली नसीहत। ऐसे पुलिस कर्मी जमीनी विवाद में बड़ी घटना करवाने में निभाते हैं अहम भूमिका। 10 तारीख तक अंतर्जनपदीय थाना अध्यक्ष का हो चुका है ट्रांसफर। दोनों हाथ से बटोरों नियम पर कार्य कर रहे थाना अध्यक्ष नहीं है किसी बात की परवाह। जब वसीयत निरस्ती का चल रहा मुकदमा तो क्यों थाना अध्यक्ष ने एक पक्ष को धान रोपाई करने का दे दिया आदेश?
क्या थाना अध्यक्ष खुद चाहते हैं की जमीनी विवाद में हो जाए कोई बड़ा बवाल है बड़ा सवाल। नगर थाना क्षेत्र के भरवलिया गांव की पूरी घटना।
जानकारी के मुताबिक, संबंधित थाना अध्यक्ष का तबादला 10 तारीख तक हो चुका है। फिर भी, वह बिना किसी परवाह के कार्य कर रहे हैं। ग्रामीणों में आक्रोश है कि पुलिस की ऐसी भूमिका बड़ी घटना को जन्म दे सकती है। इस मामले में जिला प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की जा रही है, ताकि निष्पक्ष जांच हो और तनाव कम हो।