
झारखंड सरकार को कोयले के रिजर्व प्राइस और लाइम स्टोन पर रॉयल्टी की गलत गणना के कारण 60.85 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ है। इस नुकसान में रिजर्व प्राइस के कारण 60.30 करोड़ रुपये और रॉयल्टी के कारण 55.05 लाख रुपये शामिल हैं।
गड़बड़ी के कारण
महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, दो प्रमुख कारणों से यह गड़बड़ी हुई:
आटोमेटेड सिस्टम की कमी*: सरकार के पास रिजर्व प्राइस की जांच के लिए कोई आटोमेटेड सिस्टम नहीं है।
जिला खनन पदाधिकारी की लापरवाही*: जिला खनन पदाधिकारी द्वारा लीजधारकों के मासिक रिटर्न की जांच नहीं की गई।
कोयला और लाइम स्टोन की रॉयल्टी
कोयले के लिए रिजर्व प्राइस की गणना में गड़बड़ी के कारण सरकार को 60.30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
लाइम स्टोन पर रॉयल्टी की गणना में गड़बड़ी के कारण सरकार को 55.05 लाख रुपये का नुकसान हुआ। लाइम स्टोन की दो श्रेणियों पर अलग-अलग दरों से रॉयल्टी लगती है – पहली श्रेणी पर 90 रुपये प्रति टन और दूसरी श्रेणी पर 80 रुपये प्रति टन l