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9वीं के छात्रों के लिए बड़ी खबर! अब किताबें सामने रखकर दे सकेंगे परीक्षा, CBSE का अहम फैसला, क्या है ‘ओपन बुक’ पद्धति?


सुमिता शर्मा :
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने नौवीं कक्षा के छात्रों के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब नौवीं कक्षा की परीक्षाएँ ओपन बुक मोड में आयोजित की जाएँगी। इस फैसले के अनुसार, छात्रों को अपनी किताबें, नोट्स और संदर्भ पुस्तकें अपने साथ ले जाने और परीक्षा के दौरान उनका उपयोग करने की अनुमति होगी। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य छात्रों पर परीक्षा के तनाव को कम करना है। अब से, केवल याद करने के बजाय अवधारणाओं की व्याख्या पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। बोर्ड ने स्पष्ट किया है, “परीक्षा का तनाव अब कम किया जाएगा और अवधारणाओं की व्याख्या पर ज़ोर दिया जाएगा।” इस फैसले से छात्रों की सीखने की शैली में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है। कहा जा रहा है कि इससे छात्रों को विषयों की गहरी समझ हासिल करने और उनकी समझ में सुधार करने में मदद मिलेगी।

‘ओपन बुक’ पद्धति क्या है?

‘ओपन बुक’ परीक्षा में, छात्रों को परीक्षा के दौरान अपनी पाठ्यपुस्तकें, नोट्स और संदर्भ अपने साथ रखने की अनुमति होती है। इस पद्धति का उद्देश्य केवल जानकारी को याद करने और लिखने के बजाय विषय की अवधारणाओं को समझने, उनका विश्लेषण करने और उन्हें लागू करने के कौशल को विकसित करना है।

इस निर्णय के पीछे क्या उद्देश्य है?

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि, “परीक्षा का तनाव कम किया जाएगा और अवधारणाओं की व्याख्या पर अधिक ज़ोर दिया जाएगा।” इसका अर्थ है कि छात्रों की परीक्षा इस आधार पर ली जाएगी कि उन्होंने विषय को समझा है या नहीं, और केवल याद करने के आधार पर अंक देने की प्रणाली को समाप्त कर दिया जाएगा।
दिसंबर 2023 में, सीबीएसई ने कक्षा 9 से 12 तक के लिए ‘ओपन बुक असेसमेंट’ मूल्यांकन पद्धति का एक पायलट अध्ययन शुरू किया था। इस अध्ययन में, छात्रों के प्रदर्शन से यह स्पष्ट हुआ कि उनके अंक 12 प्रतिशत से 47 प्रतिशत के बीच थे। इससे पता चला कि छात्रों को पाठ्यक्रम की पाठ्यपुस्तकों, कक्षा के नोट्स और पुस्तकालय की पुस्तकों का उपयोग करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।
शिक्षकों ने इस पहल पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। शिक्षकों का मानना है कि यह नया तरीका छात्रों में आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देगा। हालाँकि यह माना गया है कि पायलट अध्ययन में कुछ कठिनाइयाँ थीं, लेकिन शिक्षकों के सकारात्मक रुख को देखते हुए सीबीएसई की शासी निकाय ने इस प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। अब सीबीएसई ओपन बुक परीक्षाओं के लिए सैंपल पेपर तैयार करने का काम शुरू करने जा रहा है।

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