A2Z सभी खबर सभी जिले कीअलीगढ़उत्तर प्रदेश
Trending

विनाश की बुद्धि शिवानी जैन एडवोकेट विनाश काले विपरीत बुद्धि, कैसी ये आई मति? जिन वृक्षों से साँसें चलतीं, उन्हीं पर कुल्हाड़ी गति। शुद्ध वायु का जो हैं दाता, बारिश का जो हैं कारण, जंगल जो जीवों का घर है, कर रहे उसका क्षरण। सिर्फ तरक्की का है नारा, हरा भरा सब काटो, इंसान तू कितना गिर गया, ये देख दुःखी है नाटो। जड़ से काट रहे जीवन को, भविष्य का नहीं है ध्यान, अपनी ही कब्र खोद रहे हो, कैसा ये नासमझ इंसान? जंगल रोते होंगे भीतर, पत्तों की बहती होगी नीर, पशु-पक्षी बेघर होकर, भरते होंगे पीर। बंजर धरती, रूखी हवा, कैसा होगा ये मंजर? अपनी ही लालच में भूला, प्रकृति का सुंदर अक्षर। ये तरक्की नहीं तबाही, ये विकास का कैसा रूप? जिसने जीवन दिया तुझको, उसी को रहा तू कूप। अब भी आँखें खोल ओ मानव, इस भूल को तू सुधार, वरना प्रकृति का कोप झेलेगा, मिट जाएगा संसार।

विनाश की बुद्धि शिवानी जैन एडवोकेट

विनाश की बुद्धि

 

शिवानी जैन एडवोकेट

 

विनाश काले विपरीत बुद्धि, कैसी ये आई मति?

जिन वृक्षों से साँसें चलतीं, उन्हीं पर कुल्हाड़ी गति।

शुद्ध वायु का जो हैं दाता, बारिश का जो हैं कारण,

जंगल जो जीवों का घर है, कर रहे उसका क्षरण।

 

सिर्फ तरक्की का है नारा, हरा भरा सब काटो,

इंसान तू कितना गिर गया, ये देख दुःखी है नाटो।

जड़ से काट रहे जीवन को, भविष्य का नहीं है ध्यान,

अपनी ही कब्र खोद रहे हो, कैसा ये नासमझ इंसान?

 

जंगल रोते होंगे भीतर, पत्तों की बहती होगी नीर,

पशु-पक्षी बेघर होकर, भरते होंगे पीर।

बंजर धरती, रूखी हवा, कैसा होगा ये मंजर?

अपनी ही लालच में भूला, प्रकृति का सुंदर अक्षर।

ये तरक्की नहीं तबाही, ये विकास का कैसा रूप?

जिसने जीवन दिया तुझको, उसी को रहा तू कूप।

अब भी आँखें खोल ओ मानव, इस भूल को तू सुधार,

वरना प्रकृति का कोप झेलेगा, मिट जाएगा संसार।


Discover more from Vande Bharat Live Tv News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Back to top button
error: Content is protected !!