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फर्जी मुआवजा राशि बनाए जाने को लेकर जिलाधीश कोरबा को लिखित शिकायत ;

एसईसीएल दीपका के अधिग्रहित ग्राम मलगांव के ग्रामीणों ने सरपंच के नेतृत्व में सही व्यक्तियों को मुआवजा नहीं मिल पाने व अनुविभागीय कार्यालय कटघोरा में पदस्थ बाबू मनोज गोभिल द्वारा अपने स्वयं के परिवार सहित लगभग आधे दर्जन घनिष्ट लोगों के नाम से फर्जी मुआवजा राशि बनाए जाने को लेकर जिलाधीश कोरबा को लिखित शिकायत किया है

 

शिकायत प्राप्त होने के बावजूद बाबू मनोज गोभिल पर शासन प्रशासन किसी प्रकार से न तो कोई जांच करा पा रही है,और न ही कोई कार्यवाही कर पा रही है? लगता है मनोज गोभिल को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है?

मलगांव के ग्रामीणों ने कहा – यदि शासन प्रशासन ग्रामीणों के संपूर्ण शिकायतों पर निष्पक्ष होकर उच्चस्तरीय जांच करती है तो बाबू मनोज गोभिल,पटवारी विकास जयसवाल सहित अन्य कई प्रशानिक अधिकारियों के भी भ्रष्टाचार के पुलिंदे परत दर परत खुलेंगे,और मनोज गोभिल के द्वारा एनएच पर भी किया गया भारी भ्रष्टाचार उजागर होंगे।ग्रामीणों ने आगे कहा कि यदि शासन प्रशासन हमारी जायज मांगों को पूरा नहीं करेगी तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के निवास को घेराव करते हुए उच्च न्यायालय की शरण में जायेंगे।

 

सईसीएल दीपका के अधिग्रहित ग्राम मलगांव के ग्रामीणों ने सरपंच के नेतृत्व में सही व्यक्तियों को मुआवजा नहीं मिल पाने व अनुविभागीय कार्यालय कटघोरा में पदस्थ बाबू मनोज गोभिल द्वारा अपने स्वयं के परिवार सहित लगभग आधे दर्जन घनिष्ट लोगों के नाम से फर्जी मुआवजा राशि बनाए जाने को लेकर जिलाधीश कोरबा को लिखित शिकायत किया है
ग्रामीणों ने शिकायत करते हुए कहा है कि एसईसीएल दीपका के अधिग्रहित ग्राम मलगांव में मुआवजा राशि को लेकर कटघोरा के तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी द्वारा लगभग 2 वर्ष पूर्व मकान व परिसंपत्तियों नापी सर्वे किया गया था,कोई अपरिहार्य कारण से कुछ ग्रामीणों/भू- स्वामियों के मकान व परिसंपत्तियों का सर्वे नही हो पाया था जिसकी नापी सर्वे नवंबर 2023 में कटघोरा के तत्कालीन एसडीएम ऋचा सिंह व एसईसीएल के संयुक्त टीम के द्वारा किया गया,ग्रामीणों ने अनुविभागीय कार्यालय भू अभिलेख शाखा में पदस्थ बाबू मनोज गोभिल सहित प्रशासनिक अमला पर भ्रष्टाचार का आरोप आगे हुए कहा कि फर्जी तरीके से नापी/सर्वे किया गया है।बाबू मनोज गोभिल,दीपका तहसीलदार हल्का पटवारी विकास जयसवाल द्वारा अपने ही भाई,भाई बहु और घनिष्ठ सम्बन्धियों तथा दीपका कोटवार बरातू के नाम से करोड़ो रुपए की फर्जी मुआवजा राशि/मुआवजा पत्रक तैयार करते हुए ग्रामीणों के नाम से तत्कालीन एसडीएम के द्वारा बनाए गए मुआवजा राशि में कटौती किया गया है।

शिकायत प्राप्त होने के बावजूद बाबू मनोज गोभिल पर शासन प्रशासन किसी प्रकार से न तो कोई जांच करा पा रही है,और न ही कोई कार्यवाही कर पा रही है? लगता है मनोज गोभिल को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है?

मलगांव के ग्रामीणों ने कहा – यदि शासन प्रशासन ग्रामीणों के संपूर्ण शिकायतों पर निष्पक्ष होकर उच्चस्तरीय जांच करती है तो बाबू मनोज गोभिल,पटवारी विकास जयसवाल सहित अन्य कई प्रशानिक अधिकारियों के भी भ्रष्टाचार के पुलिंदे परत दर परत खुलेंगे,और मनोज गोभिल के द्वारा एनएच पर भी किया गया भारी भ्रष्टाचार उजागर होंगे।ग्रामीणों ने आगे कहा कि यदि शासन प्रशासन हमारी जायज मांगों को पूरा नहीं करेगी तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के निवास को घेराव करते हुए उच्च न्यायालय की शरण में जायेंगे

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