
युक्तियुक्तकरण से बेपटरी होगी छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था- संयुक्त शिक्षक संघ
महासमुंद/रायपुर-छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 2 सितंबर 2024 को राज्य के शालाओं एवं विद्युत के लिए युक्तियुक्तकरण का आदेश जारी किया गया है। नई शिक्षा एवं नीति शिक्षा के अधिकार कानून का पालन किया गया है, यह सिर्फ कृषकों में ग्रिड की कमी को दूर करने के लिए पूरी तरह से असंगठित से बनाया गया है। छत्तीसगढ़ शिक्षक संयुक्त संघ ने निर्देश दिया कि यह युक्तियुक्तकरण छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था को नष्ट कर देगा और इससे बड़ी संख्या में शिक्षक प्रभावित होंगे।
शिक्षक संघ इस युक्तियुक्तकरण का कड़ा विरोध कर रहा है और मांग कर रहा है कि शालाओं में लागू शैक्षिक संस्थानों को शामिल किया जाए क्योंकि यह नियम और निर्देश कम दर्ज वाले शालाओं का है और एक ही विषय में संचालित शालाओं का समायोजन प्रमुख पाठकों से भी बड़ी संख्या में है। अतिशेष होंगे छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहला मौका होगा जब प्रधान पाठक को अतिशेष बनाया जा रहा है। ग्रामों में राजस्व की कमी दर्ज करने की व्यवस्था पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति और ग्राम के लिए सरकार का प्राथमिक दायित्व शिक्षा से जुड़ा है तो इसका असर शिक्षक और स्वास्थ्य पर पड़ेगा। उनके साथ ही सिलिकॉन के पेट्रोलियम का काम लगभग समाप्त हो जाएगा क्योंकि यह बड़ी संख्या में शामिल हैं और जो सचिवालय शिक्षक बनने की राह तक रहे हैं, उनके हाथ भी पैड से शुरू हो गए हैं, लेकिन किसी भी राज्य के शालाओं में पद स्थापना उनके उद्यम हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस छत्तीसगढ़ के शालों में अलग-अलग नियम हैं और युक्तिकरण में अलग-अलग नियम बनाए गए हैं। इसके चलते छत्तीसगढ़ के शिलाओं में काफी निराशा, निराशा और प्रमुखताएं हैं। इस प्रकार के युक्तियुक्तकरण का विरोध करते हुए इसका प्रतिकार करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत महासमुंद जिले में 16 अगस्त 2024 को संघ द्वारा बड़ी संख्या में ग्रुप की उपस्थिति के साथ-साथ नामांकन के माध्यम से महासमुंद के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, सचिव स्कूल शिक्षा, के नाम पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। के बाद सरायपाली शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तकरण की कार्रवाई की जाए। ।।