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ढह गया था बुजुर्ग विधवा का मकान, डेरा श्रद्धालुओं ने बनाकर दिया

गांव झिंरवहेड़ी निवासी पारो देवी चौपाल में रहने को थी मजबूर


कुरुक्षेत्र, 28 नवंबर। गांव झिंवरहेडी निवासी पारो देवी जिसके पति की लगभग 17 वर्ष पहले मौत हो गई थी और अकेली ही रह रही थी। लगभग एक साल पहले उसके मकान की छत गिर गई जिसके बाद पारो देवी गांव की चौपाल में ही रहकर गुजर बसर कर रही थी। अब पारो देवी का मकान डेरा सच्चा सौदा के ब्लॉक उमरी के सेवादार बना रहे हैं। डेरा सच्चा सौदा के सेवादार प्रवीण खासपुर, बृजमोहन व राजकुमार ने बताया कि पारो देवी के लिए बनाए जा रहे मकान को कंप्लीट कर उसे सौंपा जाएगा। सेवादार लगातार पारो देवी के मकान बनाने की सेवा में जुटे हुए हैं। मकान पर तीसरे दिन ही छत डाल दी गई है। और कुछ दिनों में ही मकान को कंपलीट कर पारो देवी को सौंप दिया जाएगा। उन्होने कहा कि डेरा सच्चा सौदा द्वारा 167 मानवता भलाई के कार्य किए जा रहे हैं इनमें से एक काम जरूरतमंद परिवारों को मकान बनाकर देने का भी है। उसी मुहिम के तहत ही यह मकान बनाकर दिया जा रहा है। इस दौरान शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर कमेटी के सेवादार लगातार सेवा कार्य में जुटे हुए हैं। इस मौके पर प्रोफेसर राजपाल, सेवानिवृत्त प्रिंसीपल नसीब सिंह, आशा, सुमन, बाला के अलावा सेवादार सतीश, साहब सिंह उमरी, स्वर्ण सिंह, अजय उमरी, मा. सतपाल, रघुबीर खानपुर, लाल सिंह, लाखन, ओमप्रकाश, सुरेंद्र सहित अन्य सेवादार मौजूद रहे।

वहीं पारो देवी ने जानकारी देते हुए बताया कि डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने तीसरे दिन ही उसके मकान की छत डाल दी है। इसके लिए वे सेवादारों की धन्यवादी हैं। पारो देवी ने बताया कि 17 साल पहले उसके पति की मौत हो गई थी। उनकी इकलौती बेटी है जिसकी शादी कर दी है। एक वर्ष पूर्व उसके मकान की छत ढह गई। उसके बाद वह कभी चौपाल तो कभी किसी अन्य सार्वजनिक जगह पर रहकर अपना गुजर बसर कर रही थी। उसने डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों को जब इस बारे में बताया तो एक बार में ही उसका मकान बनाने का तैयार हो गए और तीसरे दिन में ही उसके मकान की छत डाली जा रही है।

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