*निर्माणकर्ता ने पत्रकार को 2 लाख रुपए मांगने के झूठे केस में फसाने की दी धमकी।*
*अवैध शॉपिंग मॉल की अनुमति देने का पंचायत का कारनामा आया सामने*
बुरहानपुर। शहर में अवैध रूप से निर्माण करने वाले धनाढ्य, रसूखदार लोगों की आए दिन संख्या बढ़ती जा रही हैं, इन अवैध निर्माण कार्य करने वाले लोगों से मध्य प्रदेश शासन को करोड़ों रुपयों के राजस्व की क्षति हो रही है। इसके साथ ही नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ती दिखाई दे रही हैं। जिले के अधिकारियों की अनदेखी और मिलीभगत से यह कार्य जारी है। ऐसा ही अवैध निर्माण से जुड़ा मामला शहर से सटे ग्राम पंचायत एमागिर्द अंतर्गत हमीदपुरा सिंधीबस्ती चौराहा बायपास रोड पर पुलिया के समीप करोड़ों की लागत से अवैध कमर्शियल शॉपिंग मॉल बनने जा रहा हैं, जिसकी अनुमती टीएनसीपी (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) या किसी अन्य सरकारी विभाग से नहीं ली गई और व्यवसाय हेतु अवैध निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, जिसमें बड़ी संख्या में दुकानें भी निकाली गई हैं। इस पुरे मामले का खुलासा करते हुए समाजसेवी हिफाजत अली ने बताया कि उक्त मामले की शिकायत मुख्यमंत्री, नगरीय प्रशासन मंत्री एवं राजस्व मंत्री सहित जिला कलेक्टर, एसडीएम से उनके द्वारा 15 दिन पहले की गई थी, लेकिन आज दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद उन्होंने जनसुनवाई में पहुंचकर दूसरी बार शिकायत की। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ नगर पालिक निगम से केवल रहवासी मकान बनाने की अनुमती निकालने में महिनों चक्कर काटना पड़ते हैं, तब जाकर भवन निर्माण की अनुमति मिलती हैं, वहीं दुसरी और पंचायत की एक रशीद की आड़ में करोड़ो की बेशकीमती जगह पर लगभग 10 हजार स्केयर फिट में व्यवसाय करने हेतु अवैध शॉपिंग मॉल का निर्माण कार्य टीन शेड की आड में चोरी छिपे चल रहा है। हिफाजत ने बताया कि मैं यहां से गुजर रहा था कि मेरी नजर इस निर्माण कार्य पर पड़ी यहां जाकर देखा और जानकारी ली, तो वहीं के कर्मचारियों ने अवैध निमार्णकर्ता तारिक खान का नाम बताए, जानकारी निकालने पर उक्त निर्माण अवैध रूप से बनाने का पता चला, जिसके बाद उच्च अधिकारियों से शिकायत की गई। बता दें कि निर्माण की अनुमति केवल पंचायत से ली गई, जबकि पंचायत को किसी भी प्रकार के शॉपिंग मॉल की अनुमति देने का कोई अधिकार नहीं है, बावजूद जिम्मेदार सरपंच और सचिव द्वारा उक्त निर्माण की अनुमति देकर शासन द्वारा बनाए गए नियमों की अवहेलना की। इससे प्रतीत होता है कि अवैध निमार्णकर्ताओं की संबधित पंचायत ओर अधिकारियों से सांठ गांठ हैं, तभी यह कार्य बिना रोकटोक से जोरों से चल रहा है, और शासन को लाखों, करोड़ों के राजस्व का क्षति पहुंचाई जा रही है। ऐसे अवैध प्रोजेक्ट टीएनसीपी सहित ज़िला प्रशासन को मुंह चिढ़ाकर चुनौती देते नजर आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में यह सवाल उठता है कि इस अवैध निर्माण पर नकेल कौन कसेगा? उक्त मामले में अवैध निर्माणकर्ता ने मीडिया से भी स्पष्ट कहा कि आपकों जो छापना है वह छाप दो हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता हैं, क्युकी उक्त निर्माण कार्य में हमारे साथ पार्टनर के रूप में एक पाइप फैक्ट्री के मालिक (उद्योगपति) और कुछ नेता जुडे़ है, उन्हीं के संरक्षण में यह कार्य चल रहा है। शिकायतकर्ता ने अवैध निर्माणकर्ता तारिक खान पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप भी लगाया है। उन्होने कहा कि अवैध निर्माणकर्ता तारिक खान को पता चला कि मेरे द्वारा शिकायत की गई तो वह मुझसे कहने लगे कि निर्माण की जगह पर दोबारा नहीं आना वरना 2 लाख रुपए मांगने के झूठे केस में फसा दूंगा, इससे पहले भी एक पत्रकार की मैने शिकायत की थी जिसके बाद वह आज दिन तक इस जगह पर नहीं आया। वही इस मामले में संबंधित अधिकारियों ने जल्द ही कार्यवाही करने की बात कही है। उक्त मामले को लेकर जब ग्राम पंचायत एमागिर्द सरपंच अब्दुल शाहिद से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनके द्वारा मॉल बनाने की कोई अनुमती नहीं दी गई है, शाहिद ने बताया कि पंचायत से केवल निर्माण संबधी कार्य की करने की अनुमती दी है, वो भी बताए गए नियमानुसार ना कि शॉपिंग मॉल बनाने की। अब देखना यह है कि अधिकारी इस अवैध निर्माण व निर्माणकर्ता पर कब और क्या कार्यवाई करते हैं!