प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कार्यकाल मे पहली बार कराई जा रही है पूर्ण आर्थिक गणना। करीब करीब 12 वर्ष के पश्चात देश मे एक बार फिर से आर्थिक गणना करवाए जाने को लेकर सुगबुगाहट शुरू है। इसे नववर्ष 2025 मे राष्ट्रीय जनगणना के साथ कराए जाने की संभावना दिखाई दे रही है। केंद्र सरकार मे सचिवों की समिति ने यह निर्णय लिया है। सरकार का यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि 2019 मे हुई सातवीं आर्थिक गणना की रिपोर्ट को आधे से अधिक राज्यों के द्वारा मंजूरी नही दी गई थी।इस तरह से आठवीं आर्थिक गणना जीएसटी लागू किये जाने के बाद की पहली आर्थिक गणना होगी। छठवीं आर्थिक गणना 2013 मे कराई गई थी, जिसकी रिपोर्ट 2016 मे जारी की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कार्यकाल की यह पहली आर्थिक गणना होगी। प्राप्त जानकारी अनुसार,वित्त मंत्रालय ने संसद की स्थाई समिति को यह सूचित किया है कि सचिवों की समिति ने सातवें आर्थिक गणना के परिणाम जारी नही किये जाने का फैसला लिया है। जानकारी अनुसार तेरह राज्यों ने ही इसकी रिपोर्ट की पुष्टि की थी। इसके बाद सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा 2025 मे आर्थिक गणना करवाए जाने के लिए पूरी तैयारी कर रहा है।इसमे गैर कृषि क्षेत्र के सभी प्रतिष्ठानों और उनके कर्माचारियों की भी गणना की जायेगी। इसका मिलान जीएएसटी दे रही कंपनियों प्रतिष्ठानों तथा ईपीएफओ मे दर्ज कर्मचारियों की संख्या से किया जायेगा।
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