नागपुर-: नागपुर का रेलवे-स्टेशन आज अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनने जा रहा है। परंतु नागपुर रेलवे-स्टेशन के इतिहास मे जाएं तो शायद बहुत कम लोगों को इसकी जानकारी होगी। अपना शहर नागपुर का रेलवे-स्टेशन 15जनवरी2025 को शताब्दि याने की सौ वर्ष पूरे करने जा रहा है। नागपुर रेलवे स्टेशन की स्थापना 15जनवरी 1925 को तत्कालीन गवर्नर सर फ्रैंक के द्वारा की गई थी। आज का नागपुर रेलवे स्टेशन वर्ष 1925 मे बनाया गया था। मध्य नागपुर रेल मंडल के इस इमारत को सावनेर के बल पत्थर से बनाया गया था। नागपुर का रेलवे-स्टेशन महाराष्ट्र का सबसे पुराना रेलवे-स्टेशन है।आज से करीब 99साल पहले छत्तीसगढ के खैरागढ़ के राजा ने नागपुर के इस रेलवे-स्टेशन को बनाने के लिए जमीन वर्ष 1925मे दी थी। अब नागपुर नागपुर रेलवे-स्टेशन अपने स्थापना का शताब्दि सौ वर्ष के करीब पहुंच रहा है।नागपुर का रह रेलवे-स्टेशन अपने विकास की लगातार सीढ़ियां चढ़ रहा है।नागपुर का आज का रेलवे-स्टेशन 1925 मे बनाया गया था । तब छत्तीसगढ के खैरागढ़ के राजा ने ब्रिटिश सरकार को यह जमीन नागपुर रेलवे-स्टेशन के निर्माण के लिए दी थी।रेलवे के वर्तमान नागपुर का रेलवे-स्टेशन अपने देश के आजादी से पहले बनाया गया था। रेलवे ने1867 मे नागपुर से शुरुआत तब की थी जबकि बाम्बे भुसावल नागपुर रेल लाईन का एक हिस्सा यातायात के लिए खोला गया था। 1881 मे छत्तीसगढ नागपुर रेलवे के माध्यम से कोलकाता मे सेवा शुरू की गई थी। नागपुर का यह रेलवे रेलवे-स्टेशन देश के सबसे अच्छे स्टेशनों मे से एक है। नागपुर मे मोहननगर मे स्थित डायमंड क्रासिंग भी मौजूद है। डायमंड क्रासिंग वह स्थान है जहां पर उत्तर दिशा से रेलवे ट्रैक एक दूसरे को क्रॉस करते है। यह एक अनूठा क्रासिंग है जो कि रेल पटरियों को एक दूसरे से क्रॉस करते है। इसलिए इसे डायमंड क्रासिंग कहते है। यहां पर चारों ओर से रेलवे ट्रैक के अलग अलग रास्ते बने हुए हैं। जहां पर पूर्व दिशा मे गोंदिया की ओर रायपुर बिलासपुर रेल लाइन है। एक ट्रैक जहां दक्षिण भारत की ओर जाता है । एक ट्रैक दिल्ली उत्तर की ओर जाता है। और एक ट्रैक पश्चिम मे मुंबई की ओर जाता है।शताब्दि की ओर कदम बढ़ाता नागपुर रेलवे-स्टेशन दिन प्रतिदिन विकास की सीढ़ियां भी चढ़ रहा है। वर्तमान मे नागपुर का यह रेलवे-स्टेशन अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं वाला स्टेशन बनने जा रहा है।
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