दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सीएम पद के लिए 5 प्रमुख दावेदार, पार्टी में अंदरखाते की होड़
नई दिल्ली: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की शानदार जीत के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा? दिल्ली विधानसभा में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद पार्टी के भीतर सीएम चेहरे को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि पार्टी का निर्णय जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा, लेकिन अभी तक इस पद के लिए पांच प्रमुख दावेदार उभरकर सामने आए हैं। ये नेता अपनी राजनीतिक स्थिति, अनुभव और संगठनात्मक क्षमता के चलते इस रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं।
1. प्रवेश वर्मा – बीजेपी का ‘विकसित’ चेहरा
प्रवेश वर्मा बीजेपी के युवा और जोश से भरपूर नेता हैं, जिन्होंने दिल्ली में अपनी ताकत साबित की है। बाहरी दिल्ली से होने के बावजूद प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत की है। उनका राजनीतिक अनुभव उन्हें सीएम पद के लिए एक मजबूत दावेदार बनाता है। वे दो बार सांसद रह चुके हैं और उनके पास भारतीय जनता पार्टी के संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां रही हैं।
उनकी पहचान पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे के रूप में भी है, जिनकी दिल्ली राजनीति में अहम भूमिका थी। साहिब सिंह वर्मा की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, प्रवेश वर्मा ने दिल्ली की राजनीति में अपनी जगह बनाई है। उनका नेतृत्व और युवा वर्ग में अपार लोकप्रियता उन्हें पार्टी के लिए एक आदर्श विकल्प बना सकती है।
2. विजेंद्र गुप्ता – दिल्ली बीजेपी का मजबूत स्तंभ
विजेंद्र गुप्ता को दिल्ली बीजेपी का वैश्य चेहरा माना जाता है, और उनकी राजनीतिक पहचान काफी मजबूती से स्थापित हो चुकी है। उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में दिल्ली बीजेपी को कई अहम चुनावी रणनीतियों के साथ नेतृत्व प्रदान किया है। बीजेपी के लिए उनका चुनावी रिकॉर्ड बेहद प्रभावशाली है, खासकर जब उन्होंने 2015 में पार्टी के लिए जबरदस्त संघर्ष किया था, जब बीजेपी केवल तीन सीटों पर सिमट गई थी।
विजेंद्र गुप्ता ने उस समय भी पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा और संघर्ष की भावना को कायम रखा था। उनका प्रशासनिक अनुभव और उनकी पार्टी के लिए अपार सेवाएं उन्हें सीएम पद के लिए एक गंभीर दावेदार बनाती हैं। उनकी लोकप्रियता और वोटबैंक को देखते हुए वे बीजेपी के दिल्ली सीएम चेहरे के लिए एक मजबूत उम्मीदवार हैं।
3. सतीश उपाध्याय – पार्टी का ब्राह्मण चेहरा
सतीश उपाध्याय को बीजेपी के ब्राह्मण चेहरा के रूप में जाना जाता है। उनका प्रशासनिक अनुभव और संगठनात्मक कार्य उन्हें पार्टी के भीतर एक बड़ा कद देता है। वह दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पहले ही पार्टी को एक मजबूत स्थिति में ला चुके हैं। इसके अलावा, सतीश उपाध्याय एनडीएमसी के उपाध्यक्ष, दिल्ली युवा मोर्चा के अध्यक्ष और संघ में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।
उनकी राजनीतिक स्थिति पार्टी के भीतर काफी मजबूत मानी जाती है, और उनका संबंध संघ से भी गहरा है। मध्य प्रदेश के सह प्रभारी के रूप में उनका अनुभव और उनके प्रभावशाली नेतृत्व के कारण सतीश उपाध्याय को सीएम पद के लिए एक महत्वपूर्ण दावेदार माना जा रहा है।
4. आशीष सूद – बीजेपी का पंजाबी चेहरा
आशीष सूद दिल्ली बीजेपी का पंजाबी चेहरा हैं, जो पार्टी के अंदर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जनकपुरी से विधायक चुने गए आशीष सूद ने पहले भी पार्षद के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं और दिल्ली बीजेपी के महासचिव के रूप में पार्टी संगठन को मजबूत किया है। वे वर्तमान में गोवा के प्रभारी और जम्मू-कश्मीर के सह प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे हैं।
उनके केंद्रीय नेताओं से करीबी रिश्ते और राजनीतिक रणनीतियों की गहरी समझ उन्हें पार्टी के भीतर एक प्रमुख विकल्प बनाती है। पंजाबी समुदाय में उनकी विशेष पहचान और दिल्ली में उनके कार्यों को देखते हुए आशीष सूद सीएम पद के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बन सकते हैं।
5. जितेंद्र महाजन – बीजेपी का डार्क हॉर्स
जितेंद्र महाजन ने दिल्ली के रोहतास नगर से लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव जीतकर अपनी मजबूत राजनीतिक पकड़ को साबित किया है। वे आरएसएस से जुड़े हुए हैं और वैश्य समुदाय से आते हैं, जो उन्हें दिल्ली के एक महत्वपूर्ण वर्ग में समर्थन दिलाता है। उन्होंने इस बार आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार सरिता सिंह को बड़े अंतर से हराकर एक नई पहचान बनाई है।
जितेंद्र महाजन की पहचान एक संघर्षशील और कड़ी मेहनत करने वाले नेता के रूप में हुई है। वे डार्क हॉर्स साबित हो सकते हैं क्योंकि उनकी राजनीतिक यात्रा में अब तक की सफलता ने उन्हें दिल्ली के आगामी सीएम चेहरे के रूप में उभरने की संभावना प्रदान की है।
निष्कर्ष: बीजेपी के भीतर आंतरिक चर्चा
दिल्ली में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के लिए इन पांच नेताओं के बीच अंदरखाते की होड़ जारी है। दिल्ली की राजनीति में जातिगत, क्षेत्रीय और समाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए पार्टी का अंतिम निर्णय लिया जाएगा। हालांकि पार्टी की रणनीति और केंद्रीय नेताओं की प्राथमिकताएं इस निर्णय को प्रभावित करेंगी, इन पांच नेताओं में से कोई भी अगला मुख्यमंत्री बन सकता है।
दिल्ली बीजेपी के लिए यह चुनावी क्षण महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल पार्टी की दिल्ली में स्थिति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी बीजेपी के प्रभाव को और बढ़ाएगा।
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