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एनसीएल खड़िया परियोजना में ‘ऑटोमैटिक व्हील वॉशिंग फैसिलिटी’ का उद्घाटन, प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में बड़ा कदम

एनसीएल खड़िया परियोजना में ‘ऑटोमैटिक व्हील वॉशिंग फैसिलिटी’ का उद्घाटन, प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में बड़ा कदम

सिंगरौली, 07 मार्च 2025

पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) की खड़िया परियोजना में ‘ऑटोमैटिक व्हील वॉशिंग फैसिलिटी’ का उद्घाटन किया गया। यह अत्याधुनिक प्रणाली खदान क्षेत्र में धूल और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इस नई पहल का उद्देश्य कार्यस्थल की स्वच्छता को बनाए रखना और पर्यावरण संतुलन को बढ़ावा देना है।

उद्घाटन समारोह में शामिल अधिकारी

इस अवसर पर एनसीएल के कई वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही, जिनमें—
✔ क्षेत्रीय महाप्रबंधक: अरुण कुमार त्यागी
✔ स्टाफ अधिकारी (सिविल): ए.के. बंसल
✔ स्टाफ अधिकारी (खनन): अमरनाथ मालवीय
✔ परियोजना अभियंता (सिविल): वाडसफ
✔ डिस्पैच इंचार्ज: दिनेश कुमार मिश्रा
✔ नोडल अधिकारी (पर्यावरण): रोहित कुमार गुप्ता
सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

कैसे काम करेगी यह अत्याधुनिक प्रणाली?

यह प्रणाली सेंसर्स-आधारित है और इसे खदान के मुख्य प्रवेश द्वार पर स्थापित किया गया है। जैसे ही कोई ट्रक या भारी वाहन इस वॉशिंग सिस्टम से गुजरता है, यह स्वचालित रूप से पहियों पर पानी का छिड़काव करता है, जिससे टायरों पर जमी हुई धूल व मिट्टी साफ हो जाती है।

✔ धूल नियंत्रण: पहियों की सफाई से सड़कों पर उड़ने वाली धूल में कमी आएगी, जिससे आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
✔ पर्यावरण संरक्षण: यह सुविधा खदान क्षेत्र को साफ-सुथरा बनाए रखने में मदद करेगी और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में योगदान देगी।
✔ स्वच्छ भारत अभियान का समर्थन: एनसीएल का यह कदम सरकार की “स्वच्छ भारत मिशन” को मजबूती प्रदान करता है।

प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक बड़ा कदम

एनसीएल खड़िया परियोजना द्वारा उठाए गए इस महत्वपूर्ण कदम से खदान क्षेत्र में स्वच्छता बनी रहेगी, सड़कों पर गंदगी कम होगी, और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित होगी। अधिकारीगणों ने बताया कि यह तकनीक खनन कार्यों के कारण उत्पन्न धूल को कम करने में बेहद प्रभावी साबित होगी।

स्थानीय लोगों को मिलेगा लाभ

इस प्रणाली के कारण खदान से निकलने वाले ट्रकों के कारण होने वाले धूल प्रदूषण में कमी आएगी, जिससे स्थानीय निवासियों को शुद्ध वायु और स्वच्छ वातावरण मिलेगा। एनसीएल का यह प्रयास खदान क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

एनसीएल की भविष्य की योजनाएं

एनसीएल के अधिकारियों ने बताया कि आने वाले समय में अन्य परियोजनाओं में भी ऐसी तकनीकों को अपनाया जाएगा, ताकि पर्यावरणीय प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके और सतत विकास को बढ़ावा दिया जा सके।

निष्कर्ष:

एनसीएल की यह पहल सस्टेनेबल माइनिंग और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक बड़ा कदम है। खदान क्षेत्रों में इस प्रकार की अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने से प्रदूषण नियंत्रण में सहायता मिलेगी और “ग्रीन माइनिंग” को बढ़ावा मिलेगा।

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सिंगरौली जिला प्रभारी: शिवम कुमार सोनी
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