
जोधपुर 24 मार्च l राज्य उपभोक्ता आयोग जोधपुर बेंच द्वारा अपीलार्थी उपभोक्ता हरदयाल सिंह द्वारा प्रस्तुत अपील को स्वीकार करते हुए आइसीआइसीआइ बैंक द्वारा उपभोक्ता द्वारा लिए गए गृहऋण को टॉपअप ऋण में परिवर्तित करने को सेवा दोष की श्रेणी में मानते हुए बैंक के विरुद्ध आदेश पारित किया l
राज्य उपभोक्ता आयोग बेंच जोधपुर के अध्यक्ष देवेंद्र कच्छवाहा. एवं सदस्य लियाकत अली के समक्ष अपीलार्थी हरदयाल सिंह दिग्नोत ने आयोग के समक्ष आइसीआइसीआइ बैंक होम लोन के विरुद्ध जिला आयोग के निर्णय से असंतुष्ट होकर अपील प्रस्तुत करते हुए बताया कि उसके द्वारा एक परिवाद पूर्व में जिला आयोग के समस्त प्रस्तुत किया गया था जो निर्णीत कर दिया गया तथा जिला आयोग ने पूर्व में प्रस्तुत शिकायत में उक्त तथ्य नहीं लिखने के कारण परिवाद को अस्वीकार किया गया था l
अपीलार्थी उपभोक्ता ने आयोग के समक्ष अपील में बताया कि विपक्षी बैंक से ₹425000 एवं बाद में 263708 के दो अलग-अलग गृह ऋण लिए थे l परिवादी को दूसरे ऋण के संबंध में आयकर छूट हेतु प्रमाण पत्र मांगे जाने पर जानकारी आया की बैंक ने दूसरा ऋण गृह ऋण नहीं देकर परिवादी को टॉपअप ऋण दे दिया जिसमें आयकर छूट का प्रावधान नहीं है l पारिवादी को जानकारी मिलने पर बैंक में आपत्ति प्रकट की, बैंक ने टॉपअप ऋण को गृह ऋण में परिवर्तित करवाने के निवेदन पर 516 रुपए भी वसूल ली, परंतु फिर भी ऋण की श्रेणी नहीं बदली l परिवादी को टॉपअप ऋण के कारण ब्याज दर भी दो प्रतिशत अधिक चुकानी पड़ रही है, जो सेवा दोष है l परिवादी ने टॉपअप ऋण के स्थान पर गृह ऋण के अनुसार राशि व ब्याज दर वसूलने की प्रार्थना की l
आयोग ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर, उपलब्ध दस्तावेजों के अवलोकन के पश्चात अपने निर्णय में कहा कि परिवादी के रीपेमेंट शेड्यूल में टॉपअप ऋण लिखा हुआ है , जबकि खाते के विवरण में गृह ऋण लिखा हुआ है l परिवादी से कन्वर्जन चार्ज वसूल किए जाने के बावजूद भी बैंक ने अपनी गलती में सुधार नहीं किया l आयोग ने अपने विस्तृत निर्णय में बैंक की गलती मानते हुए यह भी माना की बैंक परिवादी से 2% अधिक ब्याज दर की वसूली कर रहा है l आयोग ने बैंक द्वारा अधिक वसूल की गई ब्याज की राशि के अनुसार 18590 रुपए एवं परिवाद व्यय तथा मानसिक परेशानी के ₹20000 परिवादी को देने के आदेश पारित किये l
अपीलार्थी स्वयं तथा विपक्षी की ओर से अनीस अहमद अधिवक्ता उपस्थित हुए l