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जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक खरगोन द्वारा भूमि सुपोषण एवं संरक्षण हेतु कार्यषाला का आयोजन कर भूमि माता का किया पूजन

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक खरगोन द्वारा भूमि सुपोषण एवं संरक्षण हेतु कार्यषाला का आयोजन कर भूमि माता का किया पूजन

           खरगोन(प्रवीण यादव )भारत में कृषि भूमि के घटते कार्बन स्तर और बंजर होती जा रही धरती को बचाने के लिये नक्षत्र रिसोर्ट में भूमि सुपोषण एवं संरक्षण हेतु क्षैत्र के किसानो के साथ भूमि माता का पूजन कर प्रबोधन कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें अभियान के राष्ट्रीय समन्वयक नवल रघुवंशी के द्वारा संबोधन में कहा गया कि आज भूमि माता की स्थिति अत्यन्त चिंतनिय है। भूमि में जैविक कार्बन की लगातार घटती मात्रा के कारण देश में कृषि योग्य भूमि का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा बंजर बनने की ओर अग्रसर है। इससे भावी पीढियो के भोजन एवं भविष्य संकट मे है। अतः भूमि सुपोषण एवं संरक्षण के अभियान के माध्यम से समाज के प्रत्येक वर्ग का जागरण एवं प्रबोदन ही इस समस्या का एक मात्र समाधान है। इस हेतु नवल रघुवंशी के द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों से आव्हान किया गया कि 30 मार्च चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से 30 अप्रैल अक्षय तृतिया तक संचालित होने वाले अभियान अन्तर्गत अपनी अपनी संस्थाओं में क्षैत्र के किसानों को आमंत्रित कर न्यूनतम पांच-पांच भूमि माता पूजन एवं प्रबोदन कार्यक्रम आयोजित कर इस पवित्र अभियान में अपना अमुल्य योगदान देवे ताकि भूमि पूजन कार्यक्रमों के माध्यम से भूमि सुपोषण एवं संरक्षण कार्य को बढ़ावा मिले एवं किसान भूमि के प्रति जाग्रत होकर रसायन मुक्त खेती की ओर अग्रसर हो सकें। 

          उनके द्वारा बताया गया कि कृषि एवं पर्यावरण क्षेत्र के वैज्ञानिकों ने अनेक बार चिन्ता व्यक्त की है कि खेती की भूमि का भौतिक, रसायनिक और जैविक संतुलन बिगडता जा रहा है तथा जमीन में बढ़ते प्रदूषण के कारण आगामी कुछ वर्षों में उत्पादन पर विपरीत प्रभाव संकट के रूप में सामने होगा। भूमि का जैविक कार्बन न्यूनतम आवश्यकता से बहुत नीचे आ गया है। अतः देश हित में और किसान हित में संस्थाओं के द्वारा भूमि सुपोषण एवं संरक्षण हेतु सकारात्मक पहल की जाना आवश्यक है 

 कार्यशाला को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक खरगोन के प्रबंध संचालक धनवाल के द्वारा संबोधित करते हुए उपस्थित संस्था प्रबंधको एवं किसानों से अपील की गयी कि वह अणुवृत सिद्धांत अनुसार रासायनिक खाद के उपयोग को धीरे-धीरे कम कर जैविक खेती की ओर अग्रसर हो। शुरूवात में अपने परिवार के उपयोग हेतु आवश्यक अनाज, फल एवं सब्जियों का उत्पादन करें। ततपश्चात् जैविक खेती की ओर बढे़ तथा उत्पादित अनाज, फल एवं सब्जियों का वैल्यू एडिशन कर खेती को लाभ का धंधा बनाये तथा आय में वृद्धि करें। जिला विपणन अधिकारी रोहित श्रीवास्तव के द्वारा भी कार्यशाला को संबोधित किया गया तथा उनके द्वारा कहा गया कि वर्तमान में रासायनिक खाद के अंधाधुंध उपयोग करने के कारण आज कैंसर जैसी घातक बिमारियां पैर पसार रही है। अधिक उत्पादन कर किसान आर्थिक लाभ तो अर्जित कर रहा है किन्तु उसकी कीमत के रूप में कैंसर जैसी घातक बिमारियों को भी आमंत्रण दे रहा है इसलिए हमे जागरूक होकर शनै-शनै जैविक खेती की ओर रूख करना चाहिए।

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