A2Z सभी खबर सभी जिले की

लोक आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व छठ का समापन शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हर्षोल्लास से संपन्न हुआ.

लोक आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व छठ का समापन शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हर्षोल्लास से संपन्न हुआ.

गोविंदपुर :- लोक आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व छठ का समापन शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हर्षोल्लास से संपन्न हुआ.

filter: 0; fileterIntensity: 0.0; filterMask: 0; captureOrientation: 0;
brp_mask:0;
brp_del_th:null;
brp_del_sen:null;
delta:null;
module: photo;hw-remosaic: false;touch: (-1.0, -1.0);sceneMode: 32768;cct_value: 0;AI_Scene: (-1, -1);aec_lux: 0.0;aec_lux_index: 0;albedo: ;confidence: ;motionLevel: -1;weatherinfo: null;temperature: 36;
प्रखंड के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और पूरे क्षेत्र में भक्ति और उल्लास का माहौल छाया रहा. सुबह के समय जैसे ही पूर्व दिशा में सूरज की पहली किरण दिखी, व्रती जल में खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने लगे. छठ मैया के जयकारों और भजनों से गूंजते माहौल में व्रतियों ने विधि-विधान से पूजा की. हाथों में सूप और दउरा लिए व्रतियों ने सूर्यदेव को दूध, जल और फल-फूल अर्पित किए.
छठ महापर्व के चार दिवसीय अनुष्ठान के तहत व्रतियों ने नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और प्रातः अर्घ्य की परंपराओं का पालन किया. गुरुवार शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने रातभर जागरण किया और शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया.
अलग अलग घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. तालाबों और सकरी नदी किनारे बने घाटों को फूलों, केले के पत्तों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया था. छठ व्रतियों के साथ उनके परिवार के लोग भी पूजा में शामिल हुए और भक्ति भाव से छठ मैया के गीत गाए. इस प्रकार, श्रद्धा, समर्पण और सात्त्विकता से परिपूर्ण यह महापर्व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ और व्रतियों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ इसे विदाई दी.


Discover more from Vande Bharat Live Tv News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Back to top button
error: Content is protected !!

Discover more from Vande Bharat Live Tv News

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading