
केंद्रीय अमित शाह ने कहा कि भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम तैनात किया जाएगा ताकि सीमा पार सुरंगों को नष्ट किया जा सके और घुसपैठ रोकी जा सके.

- LoC पर इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम तैनात होगा.
- सुरंगों की पहचान और नष्ट करने के लिए नई तकनीक.
- कठुआ में बीएसएफ जवानों को अमित शाह ने संबोधित किया.
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम तैनात किया जाएगा ताकि सीमा पार सुरंगों को नष्ट किया जा सके और जम्मू-कश्मीर में बार-बार होने वाली घुसपैठ की घटनाओं को रोका जा सके. कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में सीमा चौकी ‘विनय’ के दौरे के दौरान बीएसएफ जवानों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि नई तकनीक सुरक्षा बलों को दुश्मन की किसी भी कार्रवाई का तुरंत जवाब देने में मदद करेगी.
उन्होंने कहा, “हम सीमाओं पर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली तैनात कर रहे हैं, जिसमें दो मॉडल होंगे. अगर दुश्मन की तरफ से कुछ भी होता है, तो आप तुरंत जवाब देने में सक्षम होंगे. और साथ ही, अंडरग्राउंड सुरंगों की पहचान और उन्हें नष्ट करने के लिए तकनीकी साधनों का इस्तेमाल किया जाएगा.” शाह ने बीएसएफ के समर्पण और निष्ठा की सराहना की, जो साल भर सीमाओं की सुरक्षा में लगे रहते हैं. उन्होंने कहा, “वास्तविक चुनौती का अंदाजा तभी होता है जब कोई उस स्थान पर जाता है.” उन्होंने कहा, “ठंड, बारिश या अत्यधिक गर्मी में जब तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है, आप 365 दिन और 24 घंटे अग्रिम चौकियों पर दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखते हैं.”
अमित शाह का जम्मू-कश्मीर दौरा ऐसे समय में हुआ है, जबकि कुध दिनों पहले ही जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े पांच आतंकवादियों का एक समूह, जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में घुस आया था, का सामना कठुआ जिले के सान्याल गांव में स्थानीय पुलिस की एक टीम से हुआ. यह गांव अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 4 किलोमीटर अंदर स्थित है. सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 2 आतंकवादी मारे गए. यह मुठभेड़ 20 घंटे से अधिक समय तक चली. इसके अलावा, 4 पुलिसकर्मी भी शहीद हो गए जब एक तलाशी दल पर पाकिस्तानी आतंकवादियों ने जंगल में घात लगाकर हमला किया.
कठुआ जिला पिछले तीन दशकों से आतंकवादियों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग रहा है, जिसका कारण इसका रणनीतिक स्थान है. यह जिला उत्तर में डोडा और उधमपुर जिलों को जोड़ता है, जिससे कश्मीर घाटी तक पहुंचने का मार्ग मिलता है. सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान सीमा के निकटता और इसके दुर्गम इलाके में घने जंगल आतंकवादियों के छिपने के लिए काफी मुफीद होते हैं.
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