उत्तर प्रदेशबस्ती

खैर कालेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य पद पर विवाद: वरिष्ठम प्रवक्ता की जगह कनिष्ठ को बना दिया प्रधानाचार्य

 

खैर कालेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य पद पर विवाद: वरिष्ठम प्रवक्ता की जगह कनिष्ठ को बना दिया प्रधानाचार्य

बस्ती। खैर इण्टर कालेज में प्रधानाचार्य पद का विवाद तूल पकड़ रहा है। वरिष्ठता क्रम को नकार कर कार्यवाहक प्रधानाचार्य के रूप में छठवे वरिष्ठता क्रम के अध्यापक नीरज सिंह को प्रबन्धक ने प्रधानाचार्य बना दिया, जिस पर वरिष्ठतम प्रवक्ता फैज आलम अंसारी ने अपनी आपत्ति जताई। प्रबन्धक ने जब वरिष्ठता क्रम को नकारते हुए उनकी बात अनसुनी कर दी तो मामला जिला विद्यालय निरीक्षक जगदीश प्रसाद शुक्ल के पास पहुंचा। इसके बाद उन्होंने मामले में सुनवाई की। जिला विद्यालय निरीक्षक ने प्रबन्धक को वरिष्ठतम अध्यापक फैज आलम अंसारी को कार्यवाहक प्रधानाचार्य का प्रभार देने, 17 अप्रैल को सुनवाई की अगली तिथि निर्धारित करते हुए प्रबन्धक को साक्ष्य सहित अभिकथन के साथ सुनवाई में प्रतिभाग करने के लिए निर्देशित किया। जिला विद्यालय निरीक्षक के आदेश के बाद भी जब प्रबंधक ने उन्हें कार्यवाहक प्रधानाचार्य के पद पर ज्वाइन नहीं कराया तो बुधवार को वरिष्ठतम प्रवक्ता ने खुद ही अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया।प्रधानाचार्य कक्ष के बाहर अपना नेमप्लेट भी लगा दिया। कहा कि उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक के दिशा निर्देश पर कार्यभार ग्रहण किया है।
बताया कि वे इससे पहले भी प्रधानाचार्य थे। आरोप लगाया कि प्रबन्धक हमीदुल्लाह खान ऐसे व्यक्ति को प्रधानाचार्य बनाना चाहते थे जो उनकी हां में हां मिला सके। इस बीच उनका ओपेन हार्ट सर्जरी होने के कारण वे चार माह के मेडिकल लीव पर चले गए। इस बीच प्रबन्धक को मौका मिल गया और वर्तमान में उन्होंने नियम विरूद्ध तरीके से छठवे वरिष्ठता क्रम के प्रवक्ता को प्रधानाचार्य बना दिया। जब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई तो प्रबन्धक ने उनकी बात को अनसुना कर दिया।कहा कि फिलहाल जिला विद्यालय निरीक्षक के आदेश पर उन्होंने प्रधानाचार्य पद पर अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। आरोप लगाया कि प्रबन्धक आए दिन कालेज में आकर शिक्षण व्यवस्था में अवरोध डालते हैं, धमकी देते है, अभद्र व्यवहार भी करते है।
वहीं प्रबन्धक हमीदुल्लाह खां ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। कहा कि सिर्फ विद्यालय का माहौल खराब करने का प्रयास कुछ लोगो द्वारा किया जा रहा है, जो होने नही पाएगा। वह साक्ष्यों के साथ निर्धारित तिथि को डीआईओएस कार्यालय में प्रस्तुत होकर अपना पक्ष रखेगें, प्रबन्ध समिति का जो निर्णय होगा उसे ही कार्यवाहक प्रधानाचार्य बनाया जाएगा।


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