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हसायन : कस्बा और देहात क्षेत्रों में घरेलू गैस की खुलेआम कालाबाजारी, जिम्मेदार अधिकारी मौन

    सिकंदराराऊ (हसायन) 04 मई। कस्बा और देहात क्षेत्रों में घरेलू रसोई गैस की कालाबाजारी का गोरखधंधा धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। गैस कंपनियों के जिम्मेदार अधिकारी और आपूर्ति विभाग के निरीक्षक अधिकारी इस पूरे खेल में या तो मौन हैं या मिलीभगत का हिस्सा बन चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, विभिन्न गैस कंपनियों के स्थानीय वितरक और हॉकर गैस वितरण वाहनों के माध्यम से खुलेआम अधिक कीमतों पर घरेलू सिलेंडर की आपूर्ति कर रहे हैं। सरकारी दरों की अनदेखी कर उपभोक्ताओं से ₹24 से ₹25 तक अतिरिक्त वसूली की जा रही है, वहीं व्यावसायिक उपयोग के लिए घरेलू गैस सिलेंडर थोक में अवैध रूप से व्यापारियों को बेचे जा रहे हैं। होम डिलीवरी की आड़ में खुलेआम बाजार में बिक्री सरकार द्वारा घरेलू गैस सिलेंडर की घर-घर डिलीवरी की योजना लागू की गई है, लेकिन स्थानीय वितरक इस योजना की आड़ में गैस सिलेंडर को सड़कों और बाजारों में ही रोक कर वितरण कर रहे हैं। इन स्थानों पर उपभोक्ताओं से न केवल अधिक कीमत वसूली जाती है, बल्कि वितरण प्रणाली की पूरी पारदर्शिता भी खत्म हो जाती है। एक-एक मकान और दुकानों पर दर्जनों सिलेंडरों का अवैध भंडारणहिस्सा बन चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, विभिन्न गैस कंपनियों के स्थानीय वितरक और हॉकर गैस वितरण वाहनों के माध्यम से खुलेआम अधिक कीमतों पर घरेलू सिलेंडर की आपूर्ति कर रहे हैं। सरकारी दरों की अनदेखी कर उपभोक्ताओं से ₹24 से ₹25 तक अतिरिक्त वसूली की जा रही है, वहीं व्यावसायिक उपयोग के लिए घरेलू गैस सिलेंडर थोक में अवैध रूप से व्यापारियों को बेचे जा रहे हैं। होम डिलीवरी की आड़ में खुलेआम बाजार में बिक्री सरकार द्वारा घरेलू गैस सिलेंडर की घर-घर डिलीवरी की योजना लागू की गई है, लेकिन स्थानीय वितरक इस योजना की आड़ में गैस सिलेंडर को सड़कों और बाजारों में ही रोक कर वितरण कर रहे हैं। इन स्थानों पर उपभोक्ताओं से न केवल अधिक कीमत वसूली जाती है, बल्कि वितरण प्रणाली की पूरी पारदर्शिता भी खत्म हो जाती है। एक-एक मकान और दुकानों पर दर्जनों सिलेंडरों का अवैध भंडारण कस्बे के घनी आबादी वाले इलाकों में हॉकरों द्वारा एक-एक दुकान और मकान पर दर्जनों सिलेंडरों की अवैध आपूर्ति की जा रही है। इन सिलेंडरों का इस्तेमाल व्यावसायिक कार्यों में किया जा रहा है, जो घरेलू गैस वितरण नीति के सीधे खिलाफ है। स्थानीय दुकानदारों द्वारा ₹50 से ₹100 तक अतिरिक्त राशि लेकर सिलेंडर बेचे जा रहे हैं, जिससे आम उपभोक्ता आर्थिक रूप से शोषित हो रहा है। रिफिलिंग का कार्य, खतरे की घंटी गैस सिलेंडर रिफिलिंग का अवैध कार्य भी कस्बे में जोरों पर है। जबकि पूर्व में रिफिलिंग के दौरान आगजनी जैसी घटनाएं हो चुकी हैं और प्रशासन द्वारा इस पर रोक लगाने के आदेश भी जारी किए गए थे। बावजूद इसके, प्रशासन की अनदेखी और गैस एजेंसियों की मिलीभगत के चलते यह कार्य बेरोकटोक जारी है। कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा घरेलू गैस की इस अनियंत्रित कालाबाजारी और अवैध भंडारण के चलते किसी भी दिन गंभीर हादसे की आशंका बनी हुई है। लेकिन न तो गैस कंपनियां सक्रिय हैं, न ही आपूर्ति विभाग और प्रशासन गंभीरता दिखा रहा है।सिकंदराराऊ (हसायन) 04 मई। कस्बा और देहात क्षेत्रों में घरेलू रसोई गैस की कालाबाजारी का गोरखधंधा धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। गैस कंपनियों के जिम्मेदार अधिकारी और आपूर्ति विभाग के निरीक्षक अधिकारी इस पूरे खेल में या तो मौन हैं या मिलीभगत का हिस्सा बन चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, विभिन्न गैस कंपनियों के स्थानीय वितरक और हॉकर गैस वितरण वाहनों के माध्यम से खुलेआम अधिक कीमतों पर घरेलू सिलेंडर की आपूर्ति कर रहे हैं। सरकारी दरों की अनदेखी कर उपभोक्ताओं से ₹24 से ₹25 तक अतिरिक्त वसूली की जा रही है, वहीं व्यावसायिक उपयोग के लिए घरेलू गैस सिलेंडर थोक में अवैध रूप से व्यापारियों को बेचे जा रहे हैं। होम डिलीवरी की आड़ में खुलेआम बाजार में बिक्री सरकार द्वारा घरेलू गैस सिलेंडर की घर-घर डिलीवरी की योजना लागू की गई है, लेकिन स्थानीय वितरक इस योजना की आड़ में गैस सिलेंडर को सड़कों और बाजारों में ही रोक कर वितरण कर रहे हैं। इन स्थानों पर उपभोक्ताओं से न केवल अधिक कीमत वसूली जाती है, बल्कि वितरण प्रणाली की पूरी पारदर्शिता भी खत्म हो जाती है। एक-एक मकान और दुकानों पर दर्जनों सिलेंडरों का अवैध भंडारणहिस्सा बन चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, विभिन्न गैस कंपनियों के स्थानीय वितरक और हॉकर गैस वितरण वाहनों के माध्यम से खुलेआम अधिक कीमतों पर घरेलू सिलेंडर की आपूर्ति कर रहे हैं।
    सरकारी दरों की अनदेखी कर उपभोक्ताओं से ₹24 से ₹25 तक
    अतिरिक्त वसूली की जा रही है, वहीं व्यावसायिक उपयोग के लिए घरेलू गैस सिलेंडर थोक में अवैध रूप से व्यापारियों को बेचे जा रहे हैं। होम डिलीवरी की आड़ में खुलेआम बाजार में बिक्री सरकार द्वारा घरेलू गैस सिलेंडर की घर-घर डिलीवरी की योजना लागू की गई है, लेकिन स्थानीय वितरक इस योजना की आड़ में गैस सिलेंडर को सड़कों और बाजारों में ही रोक कर वितरण कर रहे हैं। इन स्थानों पर उपभोक्ताओं से न केवल अधिक कीमत वसूली जाती है, बल्कि वितरण प्रणाली की पूरी पारदर्शिता भी खत्म हो जाती है। एक-एक मकान और दुकानों पर दर्जनों सिलेंडरों का अवैध भंडारण कस्बे के घनी आबादी वाले इलाकों में हॉकरों द्वारा एक-एक दुकान और मकान पर दर्जनों सिलेंडरों की अवैध आपूर्ति की जा रही है। इन सिलेंडरों का इस्तेमाल व्यावसायिक कार्यों में किया जा रहा है, जो घरेलू गैस वितरण नीति के सीधे खिलाफ है। स्थानीय दुकानदारों द्वारा ₹50 से ₹100 तक अतिरिक्त राशि लेकर सिलेंडर बेचे जा रहे हैं, जिससे आम उपभोक्ता आर्थिक रूप से शोषित हो रहा है। रिफिलिंग का कार्य, खतरे की घंटी
    गैस सिलेंडर रिफिलिंग का अवैध कार्य भी कस्बे में जोरों पर है।
    जबकि पूर्व में रिफिलिंग के दौरान आगजनी जैसी घटनाएं हो चुकी हैं और प्रशासन द्वारा इस पर रोक लगाने के आदेश भी जारी किए गए थे। बावजूद इसके, प्रशासन की अनदेखी और गैस एजेंसियों की मिलीभगत के चलते यह कार्य बेरोकटोक जारी है।
    कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
    घरेलू गैस की इस अनियंत्रित कालाबाजारी और अवैध भंडारण के चलते किसी भी दिन गंभीर हादसे की आशंका बनी हुई है। लेकिन न तो गैस कंपनियां सक्रिय हैं, न ही आपूर्ति विभाग और प्रशासन गंभीरता दिखा रहा है।
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