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खरगोन// बाढ़ एवं अतिवृष्टि से निपटने की पूर्व तैयारियों के लिए कलेक्टर ने ली बैठक

वर्षा ऋतु के दौरान बाढ़ एवं अतिवृष्टि की स्थिति निर्मित होने पर बचाव एवं राहत की तैयारियों के लिए कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने 05 मई को अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री धर्मराज मीणा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश सिंह, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती हेमलता सोलंकी, सभी एसडीएम, जनपद सीईओ एवं अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में बताया गया कि वर्षा के दिनों में अतिवर्षा होने पर नर्मदा, वेदा, कुंदा, कारम, नानी, मालन, बाकुड़ आदि नदियों में बाढ़ आने से किनारे के कुछ ग्राम प्रभावित होते हैं और इनमें राहत एवं पुनर्वास के इंतजाम करने होते हैं।

कलेक्टर सुश्री मित्तल ने बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि बाढ़ की स्थिति में जिन पुल-पुलियों एवं रपटों पर पानी आ जाता है, वहां पर पुल पार नहीं करने की चेतावनी देने वाले संकेतक लगाने एवं स्टापर लगाने की तैयारी जून माह में ही कर ली जाए। बाढ़ के कारण जो गांव प्रभावित होते हैं, उनमें लोगों के ठहरने एवं राहत के लिए ऊंचे स्थान पर भवन चिन्हित करने के निर्देश दिए गए। ऐसे ग्रामों के लिए 03 माह का खाद्यान्न सुरक्षित स्थान पर भण्डारण करने कहा गया। वर्षा के दिनों में जिन ग्रामों के बच्चों को पानी से होकर गुजरना होता है, उनके लिए कक्षाएं लगाने की वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए।

वर्षा के दिनों में जिन ग्रामों के मुक्तिधाम का रास्ता अवरूद्ध हो जाता है, ऐसे स्थान के लिए रास्ता तैयार करने या अन्तेष्टि के लिए अन्य स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए गए। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जिले के सभी जलाशयों एवं तालाबों का सर्वे कर वर्षा के दिनों में भी उनके सुरक्षित होने संबंधी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें। जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों एवं नगरीय निकायों के मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जर्जर हो चुके शासकीय एवं निजी भवनों को गिराने की कार्यवाही करें। इसके लिए भवन मालिकों को समय रहते नोटिस जारी करने कहा गया। जलसंसाधन विभाग के अधिकारी को भीकनगांव क्षेत्र के अंतर्गत चौंडी मुहाली तालाब के रिपेयर का प्रस्ताव शीघ्र शासन को भेजने के निर्देश दिए गए।

वर्षा के दिनों में बड़े जलाशयों एवं बांधों से नदियों में पानी छोड़े जाने की सूचना का त्वरित आदान-प्रदान करने के लिए वॉट्सअप ग्रुप बनाने एवं इसमें बचाव व राहत के लिए सभी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों को जोड़ने के निर्देश दिए गए। सभी एसडीएम एवं जनपद सीईओ को निर्देशित किया गया कि वे अपने क्षेत्र के पंचायत सचिवों की बैठक लेकर बाढ़ की स्थिति में बचाव एवं राहत कार्य के लिए कार्ययोजना तैयार कर लें। अनुभाग एवं तहसील स्तर पर बचाव एवं राहत कार्य के लिए कंट्रोल रूम बनाने एवं इसका नंबर सार्वजनिक करने के निर्देश दिए गए। बाढ़ की स्थिति में जिन ग्रामों में राहत शिविर लगाएं जाने की संभावना हो, उनके शिविर के लिए प्रभारी अधिकारी स्थानीय व्यक्ति को ही बनाएं।

बाढ़ की स्थिति में गर्भवती माता को प्रसव के लिए सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने स्वास्थ्य विभाग को सजग रहने एवं सुरक्षित रास्ते से अस्पताल लाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। देजला देवाड़ा जलाशय के बेक वॉटर से कुछ ग्रामों के लोगों को मुख्य सड़क तक आने के लिए घुमकर आना होता है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों द्वारा छोटी नाव का उपयोग कर मुख्य सड़क तक आने का प्रयास किया जाता है। ऐसे ग्रामों में सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए होमगार्ड एवं अन्य विभाग को शिविर लगाने के निर्देश दिए गए। जिले के ऐसे पिकनिक स्पॉट जिनमें वर्षा के दिनों में दुर्घटनाएं होने की संभावना रहती है, वहां पर सुरक्षा के उपाय करने और लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए।

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