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धार में गौशाला संचालन एवं संवर्धन पर बैठक सम्पन्न, कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने दिए अहम निर्देश

सुरेन्द्र दुबे डिस्टिक हेड  9425179527 धार, 4 जुलाई। कलेक्टर एवं जिला गोपालन एवं पशुधन संवर्धन समिति के अध्यक्ष प्रियंक मिश्रा की अध्यक्षता में जिले में संचालित गौशालाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सीईओ अभिषेक चौधरी सहित समिति के सचिव एवं उप संचालक डॉ. राकेश सिंह सिसोदिया तथा जिले की विभिन्न गौशालाओं के संचालकगण उपस्थित रहे।

 

बैठक में जानकारी दी गई कि जिले में कुल 33 अशासकीय और 32 शासकीय पंजीकृत गौशालाएं संचालित हैं, जिनके खातों में गोसंवर्धन बोर्ड भोपाल द्वारा नियमित रूप से अनुदान राशि ऑनलाइन जमा की जा रही है। 4 अशासकीय गौशालाएं अभी पंजीकृत नहीं हैं, जिनकी पंजीयन प्रक्रिया प्रचलित है। मनरेगा अंतर्गत 62 स्वीकृत गौशालाओं में से 58 पूर्ण हो चुकी हैं, शेष 4 में कार्य प्रगति पर है।

 

डॉ. सिसोदिया ने बताया कि अनुदान प्राप्त करने के लिए गौशाला में कम से कम 100 गौवंश होना अनिवार्य है। मार्च 2025 तक प्रतिगौवंश ₹20 प्रतिदिन की दर से अनुदान दिया जा रहा है, जो अप्रैल 2025 से ₹40 प्रतिदिन कर दिया जाएगा। इसमें ₹5 श्रमिक, ₹15 पशु आहार एवं ₹20 चारा-पानी के लिए निर्धारित किए गए हैं।

 

बैठक में संचालकों ने शासन की योजनाओं व सहायता पर संतोष जताया तथा गौशाला भूमि पर अतिक्रमण के मुद्दे उठाए। इस पर कलेक्टर ने संबंधित गौशालाओं से भूमि विवरण प्रस्तुत करने को कहा ताकि अतिक्रमण मुक्त अभियान चलाया जा सके। देवीखेड़ा, तहसील सरदारपुर स्थित गौशाला पर हो रहे अतिक्रमण का भी विशेष संज्ञान लिया गया।

 

वृक्षारोपण एवं चारागाह विकास पर भी चर्चा की गई, जिसमें सभी गौशालाओं से उनके पास उपलब्ध भूमि पर औषधीय पौधों का रोपण करने का आग्रह किया गया। कलेक्टर ने चारागाह विकास के लिए सीईओ जिला पंचायत को आवश्यक प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए। अशासकीय गौशालाओं में बाउंड्रीवाल निर्माण की मांग पर कलेक्टर ने सुझाव दिया कि यह कार्य सांसद/विधायक निधि से किया जा सकता है।

 

बैठक में विजय पाटीदार, नरेश राजपुरोहित, श्रीकृष्ण गौवर्धन गौशाला फूलगांवड़ी, श्रीगणेश बड़केश्वर महादेव गौशाला भोपावर सहित अन्य संचालकों ने सुझाव एवं समस्याएं साझा कीं। गोपालकृष्ण गौशाला खुटपला द्वारा फिनाइल, गौ-काष्ठ, साबुन जैसी उत्पादक गतिविधियों की जानकारी दी गई। इस मॉडल को अन्य गौशालाओं में भी अपनाने पर सहमति बनी।

 

राष्ट्रीय आजीविका मिशन के प्रतिनिधि ने गौशालाओं को तकनीकी एवं आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की बात कही गई ।

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