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दसवीं मुहर्रम को निकला ताजिया का जुलूस, कर्बला में सुपुर्दे खाक (दफ़न) हुई ताजिया

सुरक्षा में विंढमगंज पुलिस रहे मुस्तैद।

महुली सोनभद्र (राकेश कुमार कन्नौजिया)_
मुहर्रम की दसवीं तारीख को ‘शहीद-ए-आज़म हजरत सैयदना इमाम हुसैन’ व उनके जांनिसारों की शहादत को याद करते हुए सुबह से ही ताजियों के निकलने का सिलसिला शुरु हुआ जो देर शाम तक चलता रहा। मुहर्रम की दसवीं तारीख यानी रविवार को महुली क्षेत्र के सभी इमाम चौकों पर बैठाए गए ताजिया के साथ अकीदतमंदों ने जुलूस निकाला और कर्बला पहुंचकर शहीदाने कर्बला को खिराज-ए-अकीदत पेश करने के बाद ताजियों को कर्बला में सुपुर्दे खाक (दफ़न) किया गया।

इमाम चौकों पर रखे गए बड़े ताजिया जुलूस में शामिल हुए। खास तौर से इमाम हुसैन व उनके जांनिसारों के इसाले सवाब के लिए इमाम चौकों व घरों में फातिहा-नियाज हुई। और लोगों में जगह-जगह शर्बत, जर्दा (मीठा चावल), बिरयानी, खिचड़ा बनाया गया और अकीदतमंदों में वितरित किया गया।

शाम को जिन्होंने दसवीं मुहर्रम का रोजा रखा था, उन्होंने मगरिब की अज़ान के बाद पर रोजा खोला और नफ़्ल नमाज, कुरआन पाक की तिलावत, तस्बीह व दुआएं की गई। दरुदो सलाम का नज़राना पेश किया गया।

  1. दसवीं मुहर्रम को सभी लोगों ने सायं 3बजे के करीब अपने अपने ताजिया ,शिपड़ ,अखाड़ा सहित तमाम इमाम चौकों से जुलूस निकले।स्टेशन रोड होते हुए शनिवार बाजार के बाद सभी लोग ताजिया लेकर रीवा रांची मार्ग होते हुए महुली खेल मैदान में पहुंचे जहां लोगों ने अपने कला का प्रदर्शन किया ।सभी ताजिया शिपड़ अखाड़ा वाले लोगों को मुख्य अतिथि संजय कुमार सिंह धुर्वे ने पुरस्कृत किया ।
    जुलूस का केंद्र खेल मैदान रहा है। इसमें शामिल ताजिया व रौशन चौकियों में देश और दुनिया की झलक देखने को मिली। घोड़े की ताजिया ने भी लोगों का ध्यान खींचा। जुलूस के दौरान लोग ताजिया व रोशन चौकी की फोटो को अपने मोबाइल में कैद करते नजर आए। जुलूस में शामिल अलम, सद्दे और ढ़ोल- ताशे भी लोगों को अपनी ओर खींचने में कामयाब रहे। जुलूस का कई जगह इस्तकबाल किया गया। बेहतरीन ताजिया, जुलूस व अखाड़ों को पुरस्कृत किया गया।

महुली खेल मैदान मेले में भी चहल-पहल रही। सड़के अकीदतमंदों से पटी नजर आई। देर रात तक लैक्टो,खुरमा चाट की दुकानें खुली रही। महिलाएं, बच्चे, नौजवान, वृद्ध सभी ने जुलूस व मेले का भरपूर लुत्फ उठाया। जुलूस में नारा-ए-तकबीर अल्लाहु अकबर, नारा-ए-रिसालत या रसूलल्लाह, नारा-ए-हैदरी या अली और या हुसैन, या हुसैन, ‘शोह-दाए-कर्बला’ जिंदाबाद, ‘हिन्दुस्तान’ जिंदाबाद आदि नारे भी खूब लगे।इस मौके पर मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार चौधरी,ग्राम प्रधान अरविंद जायसवाल,दिलीप कुमार कन्नौजिया,मनोज भारती,उदय शर्मा,मुलायम यादव,सुभाष भारती एवं इस्लाहुल मुसलेंमीन अंजुमन कमेटी महुली के सदर कलामुदीन सिद्दीकी संरक्षक सेकरार अहमद, पूर्व सादर रमीज आलम ,परवेज आलम,मुहम्मद सिकंदर रिजवी,रुस्तम अखाड़ा समिति सदर,सचिव युनुस अहमद,शमशेर आलम,नफीस आलम,अरशद ,अयूब,सहित हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के महिलाएं पुरुष उपस्थित रहे।

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