


इस संस्कार केंद्र में 19 बालक एवं बालिकाएं तथा अटल आवास में निवासरत अन्य दीदी एवं भैया सम्मिलित हुए। ब्रह्म नाद से प्रारंभ करते हुए विजय महामंत्र, प्रभु श्री राम के जीवन पर आधारित प्रश्नोत्तरी, राष्ट्रगान एवं मंत्रों का सही उच्चारण बच्चों को सिखाया गया।
इसके बाद महापुरुषों के नाम बता कर खेल खेले गए तत्पश्चात सामूहिक गीत गा कर आज के संस्कार केंद्र को विराम दिया गया।दुर्गा वाहिनी और बाल संस्कार केंद्र विहिप की गतिविधियों के दो प्रमुख पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं: हिंदू संस्कृति और मूल्यों के ढांचे के भीतर क्रमशः महिलाओं को सशक्त बनाना और बच्चों को शिक्षित करना।