
सहारनपुर: इंटरस्टेट वाहन धोखाधड़ी रैकेट का सनसनीखेज खुलासा – 5 शातिर गिरफ्तार, 15 नई मोटरसाइकिलें, अवैध असलाह, और नशे की साजिशें उजागर – गिरोह बेच चुका है दर्जनों वाहन उत्तराखंड और अन्य राज्यों में
सहारनपुर जनपद की थाना बेहट पुलिस ने एक बेहद खतरनाक और सुनियोजित वाहन धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो न सिर्फ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भोले-भाले और जरूरतमंद लोगों को लालच देकर उनके नाम पर फाइनेंस कराकर महंगी मोटरसाइकिलें खरीदता था, बल्कि इन वाहनों को नशे के नेटवर्क और अपराधिक गतिविधियों में प्रयोग हेतु अन्य राज्यों में बेच देता था। गिरफ्तार पांच अभियुक्तों – समीर उर्फ शेरा (हत्या और कई संगीन मामलों में वांछित), नौशाद उर्फ भूरा (NDPS, आर्म्स एक्ट का पुराना अपराधी), अनमोल, आदित्य और असद उर्फ चांद – के पास से 15 नई मोटरसाइकिलें, 2 देसी तमंचे और 4 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। पुलिस की जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि गिरोह पहले आम जरूरतमंदों को पैसा देने का लालच देकर उनके आधार कार्ड, फोटो और सादे कागजों पर हस्ताक्षर करवा लेता था और फिर उन्हीं नामों पर वाहनों का फाइनेंस करवाता था। बाद में ये वाहन उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली और अन्य राज्यों में बेहद कम कीमत पर नशे के सौदागरों या अपराधियों को बेच दिए जाते थे। गिरोह का नेटवर्क इतना मजबूत था कि फाइनेंस कंपनियों को भी गुमराह किया गया। थाना बेहट प्रभारी सुबे सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने इन अपराधियों को धर दबोचा, जबकि एक अभियुक्त मौके से फरार हो गया है जिसकी तलाश की जा रही है। इस मामले में बीएनएस की गंभीर धाराओं 317(2), 318(2), 316(2), 336(3), 61, 338, 339 तथा 3/25 आर्म्स एक्ट के तहत अभियोग दर्ज किया गया है। पुलिस अब गिरोह के बैंक खातों, फाइनेंस कंपनियों से मिलीभगत और राज्यों में बेचे गए वाहनों की कड़ी से कड़ी जांच कर रही है। इस कार्रवाई से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि सहारनपुर पुलिस न सिर्फ सतर्क है बल्कि संगठित अपराध और नशे के नेटवर्क पर सीधी चोट कर रही है। इस बड़े खुलासे के बाद कई और गिरफ्तारियां संभावित हैं और यह केस प्रदेश के बड़े इंटरस्टेट नेटवर्क से जुड़ता हुआ दिख रहा है।
✍️ रिपोर्ट: एलिक सिंह
संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
उत्तर प्रदेश महामंत्री – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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