
वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज रिपोर्ट
रसड़ा। बलिया जिले के रसड़ा से बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किमी 310 पर कासिमाबाद के पास स्थाई कट खोलने की जोरदार मांग सदन में रखी है। उन्होंने नियम 51 के तहत जनहित के इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि बलिया और गाजीपुर के अलावा देवरिया, रसड़ा, बेल्थरारोड, सिकंदरपुर और सलेमपुर के लाखों लोगों को इस कट के खुलने से सीधा लाभ होगा।
विधायक ने बताया कि फिलहाल इस क्षेत्र के लोगों को एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने के लिए किमी 295 तक जाना पड़ता है, जो करीब 15 किमी अतिरिक्त दूरी है। यह दूरी सर्विस लेन से तय करनी होती है, जो संकरी और बरसात में बेहद खतरनाक हो जाती है। उन्होंने कहा कि यदि किमी 310 पर स्थाई कट खोल दिया गया, तो लोग सीधे कासिमाबाद के पास से ही एक्सप्रेस-वे में प्रवेश कर सकेंगे।
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स्थाई कट से समय और दूरी दोनों में होगी बचत
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के शुरू होने के बाद से बलिया से लखनऊ जाने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। निजी वाहनों के साथ-साथ किराए की कारों की भी बड़ी संख्या इस मार्ग पर चल रही है। केवल बलिया से ही प्रतिदिन 10 से 12 कारें सवारियां लेकर लखनऊ जाती हैं और शाम को लौटती हैं। स्थाई कट खुलने से न सिर्फ इन वाहनों को राहत मिलेगी, बल्कि रोडवेज की बसें भी सीधे इसी बिंदु से एक्सप्रेस-वे में चढ़ सकेंगी।
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क्षेत्रीय जनता की बड़ी मांग
स्थानीय निवासियों ने लंबे समय से इस कट को खोलने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे बलिया, देवरिया और गाजीपुर के यात्रियों को लखनऊ, सुल्तानपुर, आजमगढ़ और अन्य जिलों की यात्रा में समय की बड़ी बचत होगी। साथ ही, संकरी सर्विस लेन के खतरे से भी छुटकारा मिलेगा।
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लखनेश्वर मंदिर को मिलेगा पर्यटन का दर्जा
रसड़ा ब्लॉक के मुड़ेरा स्थित लखनेश्वरजी मंदिर को उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मंजूरी दे दी है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने विधायक उमाशंकर सिंह की मांग का संज्ञान लेते हुए इसे 2025-26 की वित्तीय कार्य योजना में शामिल किया है।
लखनेश्वर शिवधाम ट्रस्ट के अध्यक्ष आशुतोष पाण्डेय, सुनील पाण्डेय, मुन्ना पाण्डेय, विमलेश पाण्डेय, रमेश पाण्डेय, गिरधर सिंह, अभिषेक सिंह, यशवंत सिंह, सुरेश सिंह, अमित सिंह आदि ने विधायक को इस पहल के लिए बधाई दी है।
स्थानीय मान्यता के अनुसार, इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग की स्थापना भगवान श्रीराम के भाई लक्ष्मण ने की थी। मंदिर के कायाकल्प और पर्यटन विकास के बाद यहां धार्मिक पर्यटन को नया आयाम मिलने की उम्मीद है।