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देशभक्ति और हरियाली के साथ परवान चढ़ा हर घर तिरंगा अभियान, यहां तिरंगे के साथ लगाए 21 हजार पौधे।

देशभक्ति और हरियाली के साथ परवान चढ़ा हर घर तिरंगा अभियान, यहां तिरंगे के साथ लगाए 21 हजार पौधे।

पाली। हर घर तिरंगा अभियान बुधवार को पाली में परवान पर रहा। शहर के मातृ वन में एक पेड़ मां के नाम के तहत तिरंगे के साथ एक साथ 1111 पौधे लगाने पर शहर की फिजां ही बदल गई। मातृ वन में 21 हजार पौधे लगाकर उसे ऑक्सीजोन के रूप में विकसित किया जाएगा। इस वन में हर पौधे की सिंचाई बूंद-बूंद पद्धति से की जाएगी। जिससे कम पानी में पौधे विकसित होंगे और अधिक से अधिक पौधे पनपेंगे।नगर परिषद सभापति रेखा भाटी के पौधा लगाने के साथ शुरू अभियान में संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभासिंह ने कहा कि हर घर तिरंगा व एक पेड़ मां के नाम अभियान दोनों देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत है। इसमें सभी का सहयोग जरूरी है। जिला कलक्टर एलएन मंत्री ने कहा कि औद्योगिक नगरी पाली में वृक्षों की महत्ती आवश्यकता है। शहर के मातृ वन में बुधवार को तिरंगे के साथ पौधरोपण अभियान की शुरुआत पर्यावरण को बेहतर बनाने में काफी मददगार साबित होगी।ये रहे मौजूद

इस मौके पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश, उपवन संरक्षण पी. बालामुरूगन, जिला परिषद के सीईओ नंदकिशोर राजौरा, यूआईटी सचिव डॉ पूजा सक्सेना आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम में वन विभाग, नगर विकास न्यास, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, नगर परिषद सहित 6 विभागों के साथ विभिन स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग रहा। समारोह में एक हजार स्कूली विद्यार्थियों ने भाग लिया।

600 बीघा में बनेगा वन

मातृ वन में बारिश का पानी संग्रहित करने के लिए नाड़ी बनाई है। पौधरोपण 600 बीघा जमीन पर होगा। इस भूमि के 20 हेक्टेयर में बुधवार को पौधे लगाए गए। पौधरोपण में बांगड़ राउमावि, बालिया बालिका उमावि, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय पुनायता, हंसनिर्वाण सरस्वती स्कूल, मधुरम विद्या मंदिर, आर्किड सेंट्रल स्कूल ऑफ एक्सीलेंस पाली, वंदेमातरम पब्लिक स्कूल, राजकीय बालिका उमावि मिल क्षेत्र आदि का सहयोग रहा।

सेल्फीपॉइन्ट रहा आकर्षण का केंद्र

मातृ वन में वन विभाग की ओर से सेल्फी पॉइंट बनाया गया। वहां सबने तिरंगा व पौधे के साथ फोटो खिंचवाया। इस मौके जनप्रतिनिधि, सभी जिला स्तरीय अधिकारी, विद्यार्थी, वन विभाग के कार्मिक विभिन्न स्कूलों के बच्चे मौजूद रहे।

इस तरह किया सहयोग

यूआइटी: नगर परिषद की गोचर भूमि पर यूआईटी की ओर से तारबंदी करवाकर बिजली कनेक्शन लिया गया।

सेलोग्रुप: इस ग्रुप की ओर से कृत्रिम तालाब बनवाया गया।

सीईटीपी एवं औद्योगिक संगठन: जमीन पर 21 हजार गड्ढे करवाने के साथ पानी का स्टोरेज टैंक बनवाया। बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति की व्यवस्था। पौधे उपलब्ध करवाए।

सीईटीपी एवं डायनामिक वेलफेयर सोसाइटी : इन्होंने एक साल तक पौधों की देखभाल करने की जिम्मेदारी ली।

इनका भी रहा सहयोग

इस ऑक्सीजोन को विकसित करने के लिए कई लोग कार्य कर रहे है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी राहुल शर्मा, जिला उद्योग केंद्र के रजाक अली, उपखंड अधिकारी एवं नगर परिषद आयुक्त अशोक बिश्नोई, राजस्थान टैक्सटाइल हैंड प्रोसेर्स एसोसिएशन अध्यक्ष विनय बम्ब प्रोजेक्ट को लेकर कई दिनों से तैयारी में जुटे है। कार्यक्रम में पूर्व विधायक ज्ञानचंद पारख, सीईटीपी सचिव अरुण जैन उपस्थित रहे।

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