छत्तीसगढ मे त्रिस्तरीय पंचायतीराज संसथाओं मे होने वाले चुनावों के दौरान ओबीसी समूह के लोगों का आरक्षण छत्तीसगढ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के आधार पर होगा। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों भी मिलने वाले आरक्षण इन जातियों के लिए स्थानो के आरक्षण संबंधी अधिनियम के अंतर्गत दिया जायेगा।छत्तीसगढ सरकार ने पंचायत निर्वाचन अधिनियम मे संशोधन करते हुए इस विषय पर सात दिनों के अंदर दावा आपत्ति एवं सुझाव आमंत्रित किए है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास ने पंचायती राज अधिनियम 1995 मे यह संशोधन करने की तैयारी कर रही है। इस बदलाव के लिए राज्य सरकार एवं राज्य निर्वाचन आयोग के मार्गदर्शन से यह नियम प्रस्तावित कर रही है। इन संशोधन से प्रभावित होने वाले लोगों से जिनके प्रभावित जिनके प्रभावित होने की संभावनाएं है उनके द्वारा दावा आपत्ति सुझाव आमंत्रित किए गए है। ये सभी सुझाव दावा आपत्ति पंचायत एवू ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर छत्तीसगढ मे स्वीकार किए जायेगें। पंचायतों मे आरक्षण प्रक्रिया को लेकर कहा गया कि किसी ग्राम पंचायत मे जहां अनुसूचित जातियां एवं अनुसूचित जनजातियों के पचास प्रतिशत से कम स्थान आरक्षित किए गए है वहां पर यथासंभव निकटतम रूप से कुल स्थानों के पचास प्रतिशत की अधिकतम सीमा के अंदर रहते हुए शेष स्थान अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए उनकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षित किए जायेगें। ऐसे स्थान अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के लिए आरक्षित वार्डो खो छोड़कर अन्य वार्डो मे कलेक्टर महोदय जी के द्वारा क्रमानुसार लॉट निकालकर आबंटित किए जायेगें।।किसी ग्राम पंचायत मे जहां पर अनुसूचित जातियो जनजातियो के लिए पचास प्रतिशत से अधिक स्थान आरक्षित किए गए है वहां पर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कोई स्थान आरक्षित नही होगा। संशोधन मे स्पष्ट किया गया है कि छत्तीसगढ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के विषय मे मान्य किए गए सांख्यिकी आंकड़े मान्य होंगे। इसका मतलब है कि आयोग ने जो सिफारिश की है वही लागू होगी।
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