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प्रशासन कि कार्यवाही का नही है कोई ख़ौफ़ , अवैध अतिक्रमणकर्ता ने बनाया एक और अवैध काम्पलेक्स

प्रशासन कब करेगा कार्रवाई

बुरहानपुर म.प्र । जिले की एमागिर्द पंचायत अंतर्गत आने वाले हमीदपुरा क्षेत्र के बायपास, सिंधी बस्ती चौराहा के पास पांडारोल नाले से सटकर पूर्ण रूप से अवैध तरीके से बिना अनुमति के शॉपिंग मॉल का बहु मंजिले निर्माण कार्य को लेकर 1 माह पूर्व शिकायत की गई थी, लेकिन उक्त मॉल पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं शिकायतकर्ता सैय्यद हिफाजत अली अब नवनिर्मित बन रहे अवैध शॉपिंग मॉल की शिकायत के बाद इसी अवैध मॉल से चंद कदमों पर बने एक और अवैध कॉम्पलेक्स निर्माण का खुलासा करते हुए बताया कि हमीदपुरा स्थित अब्दुल वहाब कॉलोनी में तारिक खान द्वारा एक और अवैध कॉम्पलेक्स (मॉलनुमा) का निर्माण कार्य कराया गया हैं, उन्होंने कहा कि प्रशासन के सुस्त रवैए से अवैध निर्माणकर्ता तारिक खान के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं, उन्होंने कहा कि जिस नवनिर्माण शॉपिंग मॉल की शिकायत की गई है, उसके बनने से भी पहले ही तारिक खान ने एक कॉम्पलेक्स का अवैध निर्माण वहाब कॉलोनी में किया है, जिसमें बड़ी संख्या में व्यवसाय करने हेतु दुकानें निकाल दी हैं, उन्होंने कहा कि उक्त भूमि पर नगर एवं ग्राम निवेश द्वारा 1995 से लेकर 2031 तक बस स्टैंड का निर्माण प्रस्तावित है। जो कि लोक निर्माण विभाग के नाम पर दर्ज है। बावजूद नियमों को ताक में रखकर दो-दो बड़े अवैध निर्माण कार्य तारिक खान द्वारा किया गया है। बता दे कि एक अवैध मॉल के निर्माण की शिकायत सैयद हिफाजत अली द्वारा जनसुनवाई में जिला कलेक्टर भव्या मित्तल से की गई थी। इसके पश्चात बुरहानपुर एसडीएम को कलेक्टर द्वारा जांच सौंपी गई थी। लेकिन एक माह से अधिक दिवस बित जाने के बाद भी आज दिन तक उक्त अवैध नवनिर्मित मॉल पर कोई कार्रवाई प्रशासन द्वारा नहीं की गई है। ना ही अवैध निर्माणकर्ता द्वारा कोई वैध दस्तावेज प्रशासन को सौंपे गए हैं। अब अवैध निर्माण से जुड़ा नया खुलासा करते हुए समाजसेवी हिफाजत अली ने तारिक खान के दूसरे अवैध कॉम्पलेक्स की भी शिकायत करने की बात कही है। हिफाजत ने प्रशासन पर कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए हैं, कि यदि गरीब द्वारा अवैध निर्माण पाया जाता है या किसी की शिकायत प्रशासन को प्राप्त होती है, तो तुरंत जेसीबी लेकर उक्त अवैध निर्माण को तोड़ने हेतु प्रशासन का अमला पहुंच जाता है, लेकिन प्रशासन की नाक के नीचे करोड़ों रुपए की लागत से दो-दो बड़े अवैध निर्माण किए है, और शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही है, फिर भी प्रशासन कार्रवाई करने में देरी कर रहा है। ऐसा क्यों यह समझ से परे है। अभी तक तो उक्त निर्माण पर जेसीबी चल जाना चाहिए थी, परंतु प्रशासन क्या किसी राजनीतिक दबाव, या किसी उद्योगपति, या निर्माणकर्ता से सांठगांठ कर उक्त निर्माण को तोड़ने में बचते नजर आ रहा है। यह शहर में चर्चा का विषय बना है, और कार्यवाई नहीं होने से मामला कई सवालों को जन्म दे रहा हैं।

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