A2Z सभी खबर सभी जिले कीदेशनई दिल्ली
Trending

लोकसभा में PM मोदी ने संविधान पर चर्चा का दिया जवाब,PM मोदी ने दिए 11 संकल्प .. ..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्‍ट्र को दिए 11 संकल्‍प, 2047 तक भारत को विकसित बनाने का रोडमैप..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा का जवाब दिया. पीएम ने संविधान का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुंह संविधान के शिकार का खून लग गया है. कांग्रेस पार्टी ने 6 दशक में एक दो बार नहीं बल्कि 75 बार संविधान में बदलाव किया. कांग्रेस की सरकार ने संविधान में संशोधन कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी पलट दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को संसद में संविधान के 75 साल पूरा होने पर चल रही बहस में हिस्‍सा लिया. उन्‍होंने लोकसभा में संविधान पर चर्चा पर जवाब दिया. उन्‍होंने आपातकाल से लेकर शाहबानो मामले तक का उल्‍लेख कर संविधान पर किए गए हमलों का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की रगों में संविधान है ही नहीं. उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस के माथे पर इमरजेंसी का पाप है जो कभी नहीं धुलेगा. उन्‍होंने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनपर तीखा हमला बोला. पीएम मोदी ने इस मौके पर देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के सरकार के इरादे को भी साफ कर दिया. उन्‍होंने इस दौरान सरकार की ओर से विभिन्‍न तबकों के लिए उठाए गए कल्‍याणकारी योजनाओं का भी जिक्र किया. इस मौके पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी लोकसभा में मौजूद थीं.

बहस में प्रियंका गांधी का पहला भाषण भी देखने को मिला, जिसमें उन्होंने सरकार पर संविधान द्वारा दिए गए ‘सुरक्षा कवच’ को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया. वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शनिवार को लोकसभा में बोलने की संभावना है. संसद का शीतकालीन सत्र नवम्बर में शुरू हुआ और 20 दिसम्बर को समाप्त होगा.

पीएम ने आगे कहा पंडित नेहरू ने संविधान में बदलाव के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी. कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना की. संविधान के महत्व को कम किया. कांग्रेस का इतिहास इसके अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा है. पहले पंडित नेहरू का अपना संविधान चलता था और इसलिए उन्होंने वरिष्ठ महानुभावों की सलाह मानी नहीं

पीएम मोदी ने सदन के सामने रखे 11 संकल्प

1. सभी नागरिक और सरकार अपने-अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करें.
2. हर क्षेत्र और समाज को विकास का समान लाभ मिले, “सबका साथ, सबका विकास” की भावना बनी रहे.
3. भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए, और भ्रष्टाचारियों की सामाजिक स्वीकार्यता समाप्त हो.
4. देश के कानूनों और परंपराओं के पालन में गर्व का भाव जागृत हो.
5. गुलामी की मानसिकता से मुक्ति मिले और देश की सांस्कृतिक विरासत पर गर्व किया जाए.
6. राजनीति को परिवारवाद से मुक्त कर लोकतंत्र को सशक्त बनाया जाए.
7. संविधान का सम्मान हो और राजनीतिक स्वार्थ के लिए उसे हथियार न बनाया जाए.
8. जिन वर्गों को संविधान के तहत आरक्षण मिल रहा है, वह जारी रहे, लेकिन धर्म के आधार पर आरक्षण न दिया जाए.
9. महिलाओं के नेतृत्व में विकास (Women-led Development) को प्राथमिकता दी जाए.
10. राज्य के विकास के माध्यम से राष्ट्र के विकास को सुनिश्चित किया जाए.
11. “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के लक्ष्य को सर्वोपरि रखा जाए.

‘कांग्रेस ने देश की अदालत के पंख काट दिए थे’
प्रधानमंत्री ने कहा कि करीब 6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया, जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री जी ने बोया था उस बीज को खाद-पानी देने का काम एक और प्रधानमंत्री ने किया, उनका नाम था श्रीमती इंदिरा गांधी. सुप्रीम कोर्ट ने 1971 में एक फैसला दिया था, उस फैसले को संविधान में बदलाव करके पलट दिया गया. कांग्रेस ने हमारे देश की अदालत के पंख काट दिए थे.

पीएम बोले- कांग्रेस ने आरक्षण का भी विरोध किया था
पीएम ने आरक्षण का जिक्र करते हुए भी कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जब बाबा साहब अंबेडकर भारत में संतुलित विकास के लिए आरक्षण लेकर आए तब कांग्रेस ने उसका विरोध किया था. दशकों तक मंडल कमीशन की रिपोर्ट को डिब्बे में डाल दिया था. देश ने जब कांग्रेस को हटाया तब जाकर ओबीसी को आरक्षण मिला. ये कांग्रेस का पाप है जो कभी धूल नहीं सकता.

‘नेहरू ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखी थी चिट्ठी’
उन्होंने आगे कहा कि नेहरू जी से लेकर राजीव गांधी तक कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने आरक्षण का विरोध किया था. इतिहास कह रहा है आरक्षण के विरोध में लंबी-लंबी चिट्ठियां खुद नेहरू जी ने लिखी है. नेहरू जी ने आरक्षण को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी. इतना ही नहीं, सदन में आरक्षण के खिलाफ लंबे-लंबे भाषण इन लोगों ने किए हैं.

‘हम यूसीसी को लागू करने के लिए पूरी ताकत से लगे हैं’
पीएम मोदी आगे ने कहा कि संविधान सभा में समान नागरिक संहिता को लेकर गहन चर्चा की गई थी। बाबा साहब आंबेडकर ने कहा था कि धार्मिक आधार पर बने पर्सनल लॉ को खत्म करने की जरूरत है। मुंशी जी ने तब कहा था कि समान नागरिक संहिता देश की एकता के लिए अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार यूसीसी लाने की बात कही है। हम इसे लागू करने के लिए पूरी ताकत से लगे हैं। कांग्रेस के लोग संविधान निर्माताओं की भावना का अनादर कर रहे हैं। उनके लिए संविधान राजनीति का हथियार है।

Vande Bharat Live Tv News

Vishal Leel

Sr Media person & Digital Creator
Back to top button
error: Content is protected !!