
जय सेवा जय जोहार जय किसान
जय भूजलिया दाई
ग्राम नाका पिंडरई में भुजलिया महोत्सव का आयोजन बड़े उत्साह और परंपरा के साथ हुआ संपन्न।
गाँव के बुजुर्ग, पदाधिकारी और अन्य ग्रामीणजन मंच पर एकत्रित हैं, सभी ने पीले रंग की पगड़ी या गमछा धारण किया है, जो इस त्योहार की पहचान और एकता का प्रतीक लगता है। पृष्ठभूमि में हरे-भरे खेत और विशाल पेड़ प्राकृतिक सौंदर्य को और भी जीवंत बना रहे हैं। सामने सजी हुई मेज पर धार्मिक सामग्री और सजावट है, जो आयोजन की गरिमा को बढ़ा रही है।
समस्त सगा समाज मातृ शक्ति पितृ शक्ति बुजुर्गों और गणमान्य व्यक्तियों के नाम लिखे हैं, वह इस बात को दर्शाता है कि यह आयोजन पूरे गाँव के सामूहिक प्रयास और सहभागिता से सम्पन्न हुआ। भुजलिया महोत्सव, जैसा कि आपने बताया, मातृशक्ति के सम्मान और अच्छी फसल की कामना से जुड़ा हुआ है, और इसमें महिलाओं की सक्रिय भागीदारी इसकी सबसे खास बात है।
आज ग्राम नाका पिंडरई कि नगरी में भुजलिया महोत्सव मेला का आयोजन था जिसमें समस्त ग्रामवासी मिलकर इस महोत्सव को हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बहुत ही शानदार तरीके से संपन्न हुआ था जिसमें ग्राम की बुजुर्ग गण आदरणीय तिरु. रमेश धुर्वे (क्षेत्रीय भूमका पंडा जी) बिरीलाल उईके (नगरी भूमका), (ग्राम पंचायत कोटवार_नत्थन डेहरिया) इतरलाल परतेती (उपसरपंच) परसू धुर्वे,अमलसा धुर्वे, जितेंद्र परतेती, राजेंद्र परतेती, धर्मेंद्र धुर्वे,राजेश धुर्वे,कमल धुर्वे, सकरू धुर्वे, दिलीप धुर्वे, देवीसिंग धुर्वे, बलदेव धुर्वे, सावलाल धुर्वे, अनिल धुर्वे ,लखमू धुर्वे, सुखदेव वाडिवा, जगदीश धुर्वे, साथ ही सोहन परतेती जी एवं समस्त ग्रामवासी मिलकर इस भुजलिया दाई मातृ शक्तियों के लिए यह त्योंहार बहुत ही खुशी के त्योंहार है इसमें सबसे ज्यादा मातृ शक्तियां सम्मिलित होकर इस त्योंहार को बड़े ही हरसोल्लास के साथ मनाया जाता है ताकि इस साल की फसल बेहतर तरीके से उन्नत करें जय भुजलियां दाई