
पाली के अरटिया गांव में शमशान भूमि जलमग्न,अंतिम संस्कार में हुई दूसरे दिन भी भारी दिक्कतें
रिपोर्ट:- देवेन्द्र सुथार
रोहट.अरटिया गांव के सुथार समाज के शमशान घाट में जलभराव की समस्या लगातार दूसरे दिन भी बनी हुई है। भारी बारिश और निकासी व्यवस्था की कमी के कारण शमशान भूमि पूरी तरह जलमग्न है, जिससे अंतिम संस्कार का कार्य अत्यंत कठिन हो गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पानी की बदहाल स्थिति से शमशान घाट तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।
तहसील स्तर पर न मिलने पर ग्रामीणों ने जेसीबी मशीन की मदद से मिट्टी डालकर खुद ही एक अस्थाई रास्ता बनाया ताकि वे अर्थी को कंधों पर लेकर जलभराव वाली रपट पार कर सकें। बहते हुए लगभग दो फीट गहरे पानी को पार करते हुए अंतिम संस्कार कराना जान जोखिम में डालने जैसा कार्य बन गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन लगातार इस समस्या की अनदेखी कर रहा है। शिकायत के बावजूद कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया, जिससे इलाके के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति अत्यंत गंभीर हो चुकी है और अगर शीघ्र राहत न मिली तो आने वाले समय में शमशान घाट की यह जलमग्न स्थिति कई लोगों के लिए मुसीबत बन सकती है। इस मामले में स्थानीय प्रधान और समाज के प्रतिनिधि भी प्रशासन से जल्द जल निकासी व्यवस्था और स्थायी समाधान की मांग कर चुके हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की आपदा से बचा जा सके।











