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तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी का हुआ इस्तेमाल, CM चंद्रबाबू नायडू का आरोप

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का आरोप है कि वाईएसआर कांग्रेस के राज में तिरुपति में प्रसाद में मिलने वाले लड्डुओं में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होती थी।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने पिछली वाईएसआर कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उनके राज में तिरुपति में प्रसाद में मिलने वाले लड्डुओं में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार शुद्ध घी की जगह जानवरों की चर्बी इस्तेमाल करती थी। वाईएस जगन मोहन रेड्डी की अगुवाई वाली पार्टी ने इस आरोप को खारिज करते हुए दुर्भावनापूर्ण बताया है।

बुधवार को एनडीए विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि जगन रेड्डी सरकार के तहत तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर द्वारा ‘प्रसाद’ के रूप में दिए जाने वाले लड्डू बनाने के लिए शुद्ध घी की जगह जानवरों की चर्बी का उपयोग किया गया था। मंदिर का प्रबंधन तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा किया जाता है। नायडू की तेलुगु देशम पार्टी जून में पवन कल्याण की जन सेना और भाजपा के साथ गठबंधन करके आंध्र प्रदेश में सत्ता में आई है।

नायडू ने तेलुगु में कहा, “पिछले 5 वर्षों में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तिरुमला की पवित्रता को कलंकित किया है। उन्होंने ‘अन्नदानम’ (मुफ्त भोजन) की गुणवत्ता से समझौता किया और घी के बजाय पशु चर्बी का उपयोग करके पवित्र तिरुमला लड्डू को भी दूषित कर दिया। इस खुलासे ने चिंता पैदा कर दी है। हालांकि, अब हम शुद्ध घी का उपयोग कर रहे हैं। हम टीटीडी की पवित्रता की रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं।”

वाईएसआर का जवाब

उधर, इस पूरे मामले में वाईएसआर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी ने नायडू पर तिरुपति मंदिर की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। रेड्डी ने X पर लिखा, “चंद्रबाबू नायडू ने तिरुमला की पवित्रता और करोड़ों हिंदुओं की आस्था को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है। तिरुमला प्रसाद के बारे में उनकी टिप्पणी अत्यंत दुर्भावनापूर्ण है। कोई भी व्यक्ति ऐसे शब्द नहीं बोलेगा या ऐसे आरोप नहीं लगाएगा।”

  1. उन्होंने कहा, “यह फिर साबित हो गया है कि चंद्रबाबू नायडू राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं। भक्तों की आस्था को मजबूत करने के लिए मैं अपने परिवार के साथ तिरुमला ‘प्रसाद’ के संबंध में भगवान के सामने शपथ लेने के लिए तैयार हूं। क्या चंद्रबाबू नायडू अपने परिवार के साथ भी ऐसा करने को तैयार हैं?”
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