इस वर्ष दिसंबर का महिना शुरू हो गया, लेकिन सर्दी का जोर नहीं बढ़ा। अभी तक आस-पास शहरों व ग्रामीण क्षेत्र में सर्दी ने जोर नहीं पकड़ा।
नवंबर का महीना भी दोपहर मेें सामान्य से अधिक गर्म महसूस हुआ और फिर उसके बाद दिसंबर की शुरुआत हो गई, लेकिन अभी हाडकंपाने वाली सर्दी नहीं पड़ने लगी। ऐसे में रबी फसल ग्रोथ आशानुरूप नहीं बढ़ रही। इस बार मानसून की विदाई के बाद से अब तक यहां बारिश भी नहीं हुई। अक्टूबर से दिसंबर के दौरान आमतौर एकाद बार मावठ होती है, जो ठंड बढ़ाने के लिए काफी अहम होती है। हालात यह कि दिसंबर के महीने में भी दोपहर मेें छांव देखनी पड़ रही है। दिनोंदिन मौसम में तेजी से हो बदलाव हो रहा है। हालांकि सुबह-शाम सर्दी पड़ रही है, लेकिन दिसम्बर जैसा महसूस नहीं हो रहा है।
अधिकांश लोग अभी सुबह टंकी के पानी से ही स्नान कर रहे हैं। सुबह नौ बजे बाद ऊनी वस्त्र उतारने पड़ रहे है। किसानों का कहना है कि सर्दी जोर नहीं पकड़ने से रबी की सभी फसलें पानी देने के बावजूद भी जितनी ग्रोथ होनी चाहिए वो नहीं हो रही है। सुबह दिन उगने से पहले खेतों में थोड़ा-बहुत धुंध दिखाई देती है, लेकिन सात बजे बाद गायब हो जाती है।