बस्ती: मनरेगा मजदूर की मजदूरी न मिलने से परेशान,ग्राम प्रधान भी ठेकदारों से हुए है आहत
बस्ती जनपद के विकासखंड रुधौली में कुल 75 ग्राम पंचायत में मात्र 19 ग्राम पंचायतो में मनरेगा योजना का कार्य चल रहा है। बाकी अन्य ग्राम पंचायत में लगभग डेढ़ माह से मनरेगा मजदूरी का भुगतान न मिलने से मजदूर काफी परेशान व प्रदेश जाने को मजबूर हो गया है। बढ़ती महंगाई में महात्मा गांधी ग्राम रोजगार गारंटी योजना में पंजीकृत मजदूरों को बेरोजगारी दूर करने हेतु केंद्र की सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 100 दिन का काम मुहैया करने की बात बौनी साबित हो रही है। विकासखंड रुधौली के 56 ग्राम पंचायत में मनरेगा द्वारा कार्य न होने पर सवाल उठ रहा है ग्राम प्रधानों ने ग्राम पंचायत स्तर पर विकास के कार्य को रोक कर भुगतान का इंतजार करने में लगे हैं कई ग्राम प्रधानों ने बताया कि कच्चे और पक्के कार्य कराए जाने के बाद भी भुगतान न होने से ठेकेदार,मजदूर, व सामान विक्रेता घर पर डेरा डालकर मजबूर करने लगे हैं ऐसे में कई ग्राम प्रधान सुबह से अपना घर छोड़कर भाग जाते हैं जबकि कुछ ऐसे प्रधान भी हैं जो अपनी साख पैतृक संपत्तियों के आधार पर भुगतान करके बचा रहे हैं।
कई ग्राम प्रधानों ने बताया कि किसी मजदूर ने चकमार्ग पर पटाई का कार्य किया तो किसी ने इंटरलॉकिंग कार्य किया ऐसे में मनरेगा मजदूरों को भुगतान न होने से घर का खर्च चलाने में आर्थिक संकट पैदा हो गया है जबकि नियम है कि मनरेगा मजदूरी की मजदूरी हर हाल में 15 दिन के अंदर उनके खाते में भेज दी जाए जहां एक तरफ मजदूरों की मजदूरी देरी से मिल रही है तो दूसरी तरफ बाजार के अनुसार मजदूरी न देकर उनको प्रतिदिन मात्र 237 रुपए में कार्य करवाया जाता है। भीषण ठंड को देखते हुए कई परिवारों की स्थिति ऐसी है लकड़ी व अनाज लेने हेतु दर दर भटकना पड़ रहा है यदि वे मजदूरी न करें तो अपने परिवार का पोषण करने में असमर्थ हो जाते हैं।एक तरफ त्योहारों व मांगलिक कार्यों का दौर चल रहा है तो दूसरी तरफ भुगतान न होने से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
मनरेगा भुगतान न होने के संबंध में जब खंड विकास अधिकारी रूधौली योगेंद्र राम त्रिपाठी से वार्ता की गई तो पता चला कि पूरे जनपद में मनरेगा मजदूरों के भुगतान की समस्या बनी हुई है जल्द उच्च अधिकारियों से वा