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प्रधानमंत्री आवास योजना में अनियमितताओं का आरोप, गाँव में सर्वे के नाम पर मनमानी [ ग्राम दिधौनी], – प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत चल रहे सर्वेक्षण में अनियमितताओं के गंभीर आरोप सामने आए हैं। ग्राम प्रधान और उनके मनोनीत सदस्य सर्वेक्षण का कार्य अपनी मर्जी से चला रहे हैं, जबकि चुने हुए सदस्यों को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। गाँव के कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि प्रधान की राजनीतिक पहुँच भाजपा में मजबूत है, जिसके चलते वह किसी की परवाह नहीं कर रहे। शिकायत करने वालों को धमकाया जा रहा है और यह कहा जा रहा है कि “जो करना है कर लो, मेरा कुछ नहीं बिगड़ सकता।” असली जरूरतमंद वंचित, अपात्रों को मिला लाभ स्थानीय निवासियों के अनुसार, इससे पहले भी ऐसे लोगों को आवास योजना का लाभ दिया गया है, जिनके पास पहले से ही पक्के मकान और जमीनें मौजूद थीं। अब फिर से वही प्रक्रिया दोहराई जा रही है, जिससे गरीब और असली जरूरतमंद परिवार योजना से बाहर हो सकते हैं। वहीं, कुछ परिवार ऐसे खतरनाक मकानों में रहने को मजबूर हैं, जो किसी भी वक्त हादसे का शिकार हो सकते हैं। उनके नाम पर सिर्फ एक औपचारिक सर्वेक्षण कर लिया गया है, लेकिन अब पैसे की मांग के चलते सर्वेक्षण का काम रुका हुआ है। आगे की कार्रवाई क्या होगी? गाँव के जागरूक नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हो रही इस धांधली की निष्पक्ष जांच कराई जाए। यदि जांच में अनियमितता साबित होती है, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और असली जरूरतमंदों को प्राथमिकता के आधार पर आवास योजना का लाभ दिया जाए। (रिपोर्ट: [ भदेव प्रसाद /वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़])

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प्रधानमंत्री आवास योजना में अनियमितताओं का आरोप, गाँव में सर्वे के नाम पर मनमानी

 

[ ग्राम दिधौनी], – प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत चल रहे सर्वेक्षण में अनियमितताओं के गंभीर आरोप सामने आए हैं। ग्राम प्रधान और उनके मनोनीत सदस्य सर्वेक्षण का कार्य अपनी मर्जी से चला रहे हैं, जबकि चुने हुए सदस्यों को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।

गाँव के कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि प्रधान की राजनीतिक पहुँच भाजपा में मजबूत है, जिसके चलते वह किसी की परवाह नहीं कर रहे। शिकायत करने वालों को धमकाया जा रहा है और यह कहा जा रहा है कि “जो करना है कर लो, मेरा कुछ नहीं बिगड़ सकता।”

असली जरूरतमंद वंचित, अपात्रों को मिला लाभ

स्थानीय निवासियों के अनुसार, इससे पहले भी ऐसे लोगों को आवास योजना का लाभ दिया गया है, जिनके पास पहले से ही पक्के मकान और जमीनें मौजूद थीं। अब फिर से वही प्रक्रिया दोहराई जा रही है, जिससे गरीब और असली जरूरतमंद परिवार योजना से बाहर हो सकते हैं।

वहीं, कुछ परिवार ऐसे खतरनाक मकानों में रहने को मजबूर हैं, जो किसी भी वक्त हादसे का शिकार हो सकते हैं। उनके नाम पर सिर्फ एक औपचारिक सर्वेक्षण कर लिया गया है, लेकिन अब पैसे की मांग के चलते सर्वेक्षण का काम रुका हुआ है।

आगे की कार्रवाई क्या होगी?

गाँव के जागरूक नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हो रही इस धांधली की निष्पक्ष जांच कराई जाए। यदि जांच में अनियमितता साबित होती है, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और असली जरूरतमंदों को प्राथमिकता के आधार पर आवास योजना का लाभ दिया जाए।

 

(रिपोर्ट: [ भदेव प्रसाद

 

/वंदे भारत लाइव टीवी

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